नई दिल्ली. अमेरिका की प्राइवेट स्पेस कंपनी SpaceX ने 23 और स्टारलिंक सैटेलाइट्स को ऑर्बिट में लॉन्च कर दिया है. ये लॉन्चिंग गुरुवार को की गई. सैटेलाइट्स को पूर्वी समयानुसार गुरुवार सुबह 12:07 बजे अमेरिकी राज्य फ्लोरिडा के केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से फाल्कन 9 रॉकेट पर लॉन्च किया गया था. ये जानकारी SpaceX ने दी है.
केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से हुआ ये लॉन्च 2023 में कंपनी का 90वां ऑर्बिटल लॉन्च और अब तक का 280वां फाल्कन 9 लॉन्च था. लॉन्चिंग के समय मिशन के लिए मौसम आदर्श था, लेकिन मौसम विज्ञानिक अपनी नजर बनाए हुए थे. फाल्कन 9 का पहला चरण वापस लौटा और अटलांटिक महासागर में तैनात ए शॉर्टफॉल ऑफ ग्रेविटास (ASOG) ड्रोनशिप पर उतरा. कंपनी ने बाद में 23 उपग्रहों की तैनाती की पुष्टि की.
क्या है स्टारलिंक?
स्टारलिंक एक सैटेलाइट नेटवर्क है जो रिमोट एरियाज में लो-कॉस्ट इंटरनेट उपलब्ध कराता है. इसका संचालन एलन मस्क द्वारा स्थापित अमेरिकी एयरोस्पेस कंपनी SpaceX द्वारा किया जाता है. स्टारलिंक का लक्ष्य दुनिया के हर हिस्से में सैटेलाइट के जरिए इंटरनेट पहुंचाना है. फिलहाल भारत में इसकी सेवाएं उपलब्ध नहीं हैं. इसके लिए सरकारी मंजूरी का इंतजार चल रहा है.
स्टारलिंक एक अलग अप्रोच फॉलो करता है. ये एक-दो बड़े सैटेलाइट्स का इस्तेमाल करने की जगह हजारों छोटे सैटेलाइट्स को यूज करता है. कंपनी लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) सैटेलाइट्स का इस्तेमाल करती है. जो करीब 550 किलोमीटर ऊपर से धरती का चक्कर लगाते हैं. स्टारलिंक के जरिए अनलिमिटेड 150Mbps तक की स्पीड मिलती है. आने वाले दिनों में ये स्पीड और भी बढ़ जाएगी.
क्या फाइबर की जगह सैटेलाइट सर्विस का इस्तेमाल करना चाहिए?
सैटेलाइट इंटरनेट फाइबर जितना फास्ट तो नहीं होता. लेकिन, इसका एक बड़ा फायदा है इसकी पहुंच. फाइबर को कोने-कोने तक पहुंचने के लिए समय लगता है. लेकिन, सैटेलाइट इंटरनेट का इस्तेमाल धरती में लगभग कहीं भी बैठकर किया जा सकता है. यानी ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे लोग भी ब्रॉडबैंड स्पीड का आनंद ले सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : December 9, 2023, 17:22 IST