जयपुर. राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या (Sukhdev Singh Gogamedi Murder) के लिए जिम्मेदार 2 हमलावरों और उनके एक मददगार को पुलिस ने पकड़ लिया है. सूत्रों के मुताबिक शरण लेने के लिए दोनों आरोपी कुल्लू की तरफ गए थे. पहले हिसार में बदमाश उधम तक इन दोनों बदमाशों को पहुंचाया गया था. जहां से इन दोनों को टैक्सी चाहिए थी ताकि किसी को कोई शक नहीं हो. लेकिन बाद में प्लान बदल कर दोनों शूटर उधम की गाड़ी में ही कुल्लू की तरफ गए थे. मगर कुल्लू रूट पर जाते ही ये दोनों शूटर वापस लौट गए. क्योंकि इनकी तलाश के लिए सभी राज्यों की पुलिस पीछे पड़ी थी. उसके बाद ये वापस कल शाम को चंडीगढ़ पहुंचे थे. जहां पर उधम दोनों को लेकर आया था. वहीं पर रात को शराब की दुकान के अहाते में बैठकर शराब पी रहे थे और आगे की प्लानिंग की जा रही थी. इस मामले में टॉप 10 अपडेट ये हैं:
जयपुर के सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड के दोनों आरोपियों नितिन फौजी और रोहित को पकड़ लिया गया है. नितिन और रोहित राठौर के साथ उनके तीसरे साथी उधम को भी गिरफ्तार किया गया है. वह इन दोनों का काफी पुराना दोस्त है और उसी ने इन दोनों को लॉजिस्टिक सपोर्ट मुहैया कराया था.
अब इन तीनों को जयपुर लाया जा रहा है. पुलिस दोपहर करीब दो बजे इन तीनों को लेकर जयपुर पहुंचेंगी. पुलिस आज दोपहर तीन बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जयपुर में इस पूरे मामले की साजिश का खुलासा करेगी. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रॉन्च दोनों शूटरों से पूछताछ कर रही है. उनके मददगार उधम को राजस्थान पुलिस अपने साथ लेकर गई है.
सुखदेव गोगामेड़ी हत्याकांड का एक मास्टरमाइंड विरेन्द्र चारण दुबई में है. अप्रेल में ही कोलकाता से फर्जी पासपोर्ट बनवाकर वह नेपाल के रास्ते दुबई पहुंचे गया था. आरोप है कि विरेन्द्र चारण ने ही शूटरों तक हथियार पहुंचाए थे.
दोनों शूटर चंडीगढ़ के सेक्टर 22A के शराब के ठेके के ऊपर बने गेस्ट हाउस में ठहरे थे. दोनों शूटरों को यहीं से राजस्थान पुलिस की एसआईटी और दिल्ली पुलिस ने दबोच लिया. राजस्थान पुलिस के एडीजी क्राइम दिनेश एमएन की अगुवाई में आरोपियों को पकड़ने के लिए दिल्ली और राजस्थान पुलिस ने यह ज्वाइंट आपरेशन चलाया था.
करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या करने से पहले ही रोड मैप तैयार किया गया था. उसी रोड मैप और लॉजिस्टिक सपोर्ट के जरिए ये दोनों शार्प शूटर भागे थे. हर लोकेशन को पहले से तय किया गया था और लॉजिस्टिक सपोर्ट देने वाले तैयार थे.
5 दिसंबर को दोनों शूटर नितिन फौजी और रोहित राठौर दिन में वारदात को अंजाम देकर जयपुर से निकले. पहला किरदार यानी लॉजिस्टिक सपोर्ट देने वाला सचिन माली उनके साथ था. वो दोनों को वहां से लेकर निकला.
उन्होंने वहां से टैक्सी ली और सीधा सुजानगढ़ पहुंचे. सुजानगढ़ से डबल डेकर बस में बैठकर दोनों शूटर रात को धारूहेड़ा पहुंचे. धारूहेड़ा से उन्होंने रेवाड़ी रेलवे स्टेशन जाने के लिए ऑटो लिया जिसके लिए 500 रुपये का पेमेंट किया गया था.
दोनों बदमाशों को फरार होने में मदद करने वाले रामवीर जाट को भी पुलिस ने कल गिरफ्तार किया था. रामवीर जाट और नितिन फौजी दोस्त हैं.
6 दिसंबर को सुबह रेवाड़ी रेलवे स्टेशन में उनकी मूवमेंट हुई. क्योंकि वहां से उन्हें हिसार तक जाना था. जहां हिसार में वीरेंद्र का गुर्गा उधम उनका इंतजार कर रहा था. सूत्रों के मुताबिक जब ये दोनों हिसार में उधम से मिले, उससे पहले इन्हे एक और शख्स मिला. जिसने उधम तक उन्हे पहुंचाया, उससे भी पुलिस पूछताछ करेगी.
हिसार पहुंचते ही इन लोगों ने गाड़ी की व्यवस्था करनी शुरू कर दी. लेकिन जब पकड़े जाने का डर था तो उधम अपनी गाड़ी लेकर ही इन्हें कुल्लू मनाली की तरफ निकल गया. जिसके बाद इनकी वापसी 9 दिसंबर को हुई.
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