क्या होती है फ्रीडम एसआईपी, आम SIP से कैसे है ये अलग, कहां मिलेगा आपको ज्यादा फायदा?

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हाइलाइट्स

म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए एसआईपी पसंदीदा तरीका है.
एसआईपी में एक निश्चित रकम तय समय पर लगातार जमा की जाती है.
इस तरह से आपके द्वारा जमा राशि एक बड़ा फंड बन जाता है.

नई दिल्ली. एसआईपी को म्यूचुअल फंड में निवेश का सबसे बेहतर तरीका माना जाता है. इसमें आप एक निश्चित राशि तय अंतराल पर फंड में जमा करते रहते हैं. जब आपका मन करे आप इस पैसे को विड्रॉल कर सकते हैं. आम एसआईपी के बारे में तो लगभग सभी को जानकारी होगी. लेकिन क्या आप फ्रीडम एसआईपी (Freedom SIP) के बारे में जानते हैं. अगर नहीं तो आज हम आपको बताते हैं कि यह क्या है और इसका लाभ कैसे उठाते हैं.

फ्रीडम एसआईपी की शुरुआत सामान्य एसआईपी के खत्म होने के बाद होती है. फ्रीडम एसआईपी के 2 हिस्से होते हैं. पहला जहां आप निवेश कर रहे होते हैं और दूसरा हिस्सा जहां आप सिस्टमैटिक तरीके से पैसा निकाल रहे होते हैं. कुछ समय पहले ही आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल म्यूचुअल फंड ने फ्रीडम एसआईपी की शुरुआत की थी. तब से ही फ्रीडम एसआईपी चर्चा का विषय बनी हुई है.

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ऐसे समझें फ्रीडम एसआईपी
इसमें एसआईपी (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) और एसडब्ल्यूपी (सिस्टमैटिक विड्रॉल प्लान) 2 हिस्से हैं. सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान में आप एक निश्चित राशि को तय समय तक जमा करने के लिए प्रतिबद्ध होते हैं. मान लीजिए आपने 8 साल के लिए 10,000 रुपये को निवेश करना चुना. 8 साल के बाद आपके पास विकल्प होगा कि आप अपने हिसाब से सिस्टमैटिक विड्रॉल प्लान चुनें. अगर आप ऐसा नहीं करते तो डिफॉल्ट एसडब्ल्यूपी आपके लिए चुन लिया जाएगा.

उदाहरण से समझें
आईसीआईसीआई फ्रीडम एसआईपी का उदाहरण लें तो उनकी वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, 8 साल तक हर महीने 10,000 की एसआईपी का डिफॉल्ट मंथली एसडब्ल्यूपी (यानी हर महीने मिलने वाली रकम) 10,000 रुपये होगी. अगर आप 10,000 के निवेश पर टेन्योर को 2 साल और बढ़ाकर 10 साल कर देते हैं तो हर महीने मिलने वाली रकम 15,000 रुपये हो जाएगी. 30 साल तक इसी समीकरण के साथ निवेश करने पर आपको हर महीने 1.20 लाख रुपये मिल सकते हैं.

सोर्स और टारगेट स्कीम
फ्रीडम एसआईपी में आपके निवेश से संबंधित एक और जरुरी बात आपके लिए समझना आवश्यक है. आप जब पहले से तय पीरियड वाली एसआईपी में पैसा डाल रहे होंगे तो वह पैसा जिस प्लान में जाएगा उसे सोर्स प्लान कहेंगे. एसआईपी खत्न होने और एसडब्ल्यूपी शुरू होने के बाद ये पैसा एक नई स्कीम में ट्रांसफर कर दिया जाएगा. इसे स्कीम को टारगेट स्कीम कहेंगे. अगर सोर्स और टारगेट स्कीम एकसमान हुई तो फ्रीडम एसआईपी काम नहीं करेगी.

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