नई दिल्ली: तमिलनाडु के एक शख्स ने 1 करोड़ की बीमा राशि हड़पने के लिए न केवल अपनी मौत की झूठी कहानी रची, बल्कि अपने दोस्त की भी हत्या कर दी. पुलिस ने मंगलवार को कहा कि एक व्यक्ति ने चेन्नई में 1 करोड़ रुपये के बीमा भुगतान का दावा करने के लिए अपनी मौत की झूठी कहानी रची और खुद की डिटेल से मेल खाने वाले अपने ही दोस्त की हत्या कर दी. इस मामले में आरोपी और उसके दो दोस्तों को गिरफ्तार किया गया है.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट की मानें तो पुलिस के अनुसार, अयनावरम के निवासी सुरेश हरिकृष्णन ने जीवन बीमा पॉलिसी में 1 करोड़ रुपये का दावा करने के लिए अपनी मौत को फर्जी बनाने की योजना बनाई थी. फिर उसने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर संभावित बॉडी डबल के रूप में अपनी ही उम्र के एक ऐसे व्यक्ति की तलाश शुरू कर दी, जो शारीरिक रूप से भी उसी के समान हो. पुलिस के मुताबिक, तीनों ने मिलकर दिल्लीबाबू नामक शख्स को खोजा, जिसे सुरेश दस साल पहले जानता था. वह भी अयनावरम का निवासी था.
फिर सुरेश ने दिल्लीबाबू और उसकी मां से घनिष्ठता कर ली और नियमित रूप से उनसे मिलने जाता था. 13 सितंबर को तीनों दिल्लीबाबू को शराब पिलाने के लिए पुडुचेरी ले गए. पुलिस ने कहा कि वे दिल्लीबाबू को चेंगलपट्टू के पास एक खाली भूखंड पर ले गए, जहां उन्होंने पहले से ही एक खेत की झोपड़ी बना रखी थी. बताया जाता है कि 15 सितंबर की रात सुरेश ने शराब के नशे में दिल्लीबाबू का गला घोंट दिया और झोपड़ी में आग लगा दी. इसके बाद वह मौके से भाग निकला.
जब सुरेश फरार हो गया, तो उसके परिवार ने मान लिया कि वह आग में मर गया है और उसका अंतिम संस्कार कर दिया. इस बीच दिल्लीबाबू की मां लीलावती ने अपने बेटे की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी. कोई कार्रवाई नहीं होने पर उसने मद्रास उच्च न्यायालय का रुख किया. 16 सितंबर को पुलिस को एक जली हुई झोपड़ी के अंदर एक जला हुआ शव मिलने की सूचना मिली. जांच करने पर उस व्यक्ति का नाम सुरेश निकला. उन्हें बताया गया कि उनका शव उनकी बहन ने ले लिया है और अंतिम संस्कार किया गया है.
हालांकि, लीलावती ने पुलिस को सूचित किया था कि जिस दिन उसका बेटा सुरेश के साथ लापता हुआ था, उस दिन वह उसके साथ बाहर गया था और उसने आखिरी बार अपने बेटे से सितंबर में बात की थी. इस सुराग पर कार्रवाई करते हुए पुलिस सुरेश के गांव गई, जहां उसके रिश्तेदारों ने कहा कि वह मर चुका है. पुलिस को पता चला कि सुरेश, जिसे सितंबर में मृत मान लिया गया था, दिल्लीबाबू की मौत के लिए जिम्मेदार था.

पुलिस ने दोनों के सेलफोन का पता लगाया और पाया कि जली हुई झोपड़ी के पास उनके फोन सिग्नल सक्रिय थे. जब उन्होंने उसके कुछ दोस्तों का पता लगाया तो उन्होंने पाया कि सुरेश जीवित है. पूछताछ करने पर सुरेश और कीर्ति राजन ने दिल्लीबाबू की हत्या की बात कबूल कर ली. पुलिस ने अपराधियों को गिरफ्तार कर सोमवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
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FIRST PUBLISHED : January 3, 2024, 08:36 IST