(प्रशांत कटारे), भोपाल. मध्य प्रदेश में 6 जनवरी को दिनभर इस खबर पर हड़कंप मचा रहा कि एक अवैध बालिका गृह से 26 बच्चियां गायब हो गई हैं. इसकी खबर लगते ही जिले का पूरा प्रशासन हिल गया. कलेक्टर से लेकर एसपी सहित तमाम आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए. इस मामले में देर रात तक अधिकारियों के अलग-अलग बयान आते रहे. हालांकि, देहात एसपी ने कहा कि सभी बच्चियां मिल गई हैं. बच्चियों ने पहले इस अवैध बालिका गृह में रजिस्ट्रेशन कराया था. उसके बाद अपने-अपने घर लौट गई थीं. इस मामले में कलेक्टर ने तीन लोगों को सस्पेंड कर दिया है. जिला प्रशासन अब आरोपियों के ऊपर अवैध रूप से संस्था संचालन को लेकर कानूनी कार्रवाई करेगा. आरोपियों पर धर्मांतरण और मानव तस्करी के भी आरोप लगे हैं. पुलिस इन मामलों की जांच कर रही है. मामला परवलिया थाना इलाके का है.
शाम होते-होते सीएम मोहन यादव का भी इस मामले पर बयान आ गया. मामले को लेकर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने X पर लिखा, ‘भोपाल के परवलिया थाना क्षेत्र में संचालित बालगृह से लापता बालिकाओं का वेरिफिकेशन हो गया है, सभी बेटियां सुरक्षित हैं और इनकी पहचान भी कर ली गई है. एक भी दोषी और लापरवाही बरतने वालों को बख्शा नहीं जाएगा.’ गौरतलब है कि 5 जनवरी को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो और आयोग के सदस्यों ने भोपाल के तारासेवनिया में स्थित आंचल बालिका गृह का निरीक्षण किया. इस निरीक्षण में पाया गया कि आंचल बालिका गृह न तो सरकार के पास पंजीकृत है और न ही इसे किसी प्रकार की कोई मान्यता प्राप्त है. इसके अलावा जांच में यह बात भी सामने आई कि जो बच्चियां यहां रेस्क्यू के लिए लाई गई थीं उसकी जानकारी बाल आयोग को नहीं दी गई थी. बालिका गृह के प्रबंधन ने किसी भी तरह की शासकीय प्रक्रिया का पालन नहीं किया था. इसके बाद आयोग ने संस्था के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई.
देहात पुलिस ने कही ये बात
आयोग को जांच में यह भी पता चला कि यहां करीब 76 बच्चियों का पंजीयन है, लेकिन मौके पर केवल 41 ही मिलीं. इसे लेकर संस्था प्रबंधन ने कहा कि जो बच्चियां यहां नहीं हैं, वो अपने-अपने माता-पिता के पास वापस चली गई हैं. प्रबंधन के यह कहने के बाद पुलिस ने बच्चियों का वेरिफिकेशन शुरू किया. पुलिस को 12 बच्चियां अपने घरों पर मौजूद मिलीं. बाद में शाम होते-होते सारी बच्चियों का वेरिफिकेशन हो गया. भोपाल देहात एसपी प्रमोद कुमार सिन्हा ने कहा कि कई बच्चियां इस तरह के बालिका गृह में पंजीयन कराती हैं. जब उनका यहां मन नहीं लगता तो वे अपने घरों को लौट जाती हैं. इस मामले में भी यही हुआ है.
तीन अधिकारी सस्पेंड
दूसरी ओर, इस मामले के तूल पकड़ने के बाद प्रशासन ने सीडीपीओ बृजेन्द्र प्रताप सिंह, सीडीपीओ कोमल उपाध्याय और सुपरवाइजर मंजूषा राज को सस्पेंड कर दिया. प्रशासन ने महिला बाल विकास अधिकारी सुनील सोलंकी और सहायक संचालक महिला बाल विकास रामगोपाल यादव को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. इस मामले को लेकर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने कहा कि आंचल बालिका गृह संस्था की फंडिंग की जांच की जाएगी. इसके आदेश जारी कर दिए गए हैं. इधर, पुलिस का कहना है कि संस्था के खिलाफ धर्मांतरण और मानव तस्करी की जांच भी की जाएगी.
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FIRST PUBLISHED : January 6, 2024, 20:18 IST