Mahadev App Betting Scam: ईडी की चार्जशीट में बड़ा खुलासा, छत्तीसगढ़ के बड़े नेता के इशारे पर चल रहा था खेल

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रायपुर. महादेव एप से जुड़ी चौंकाने वाले खबर है. पूरे देश में हड़कंप मचाने वाले इस महादेव एप कांड में छत्तीसगढ़ के बड़े नेता भी शामिल हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस नेता को निशाने पर ले लिया है. ईडी की चार्जशीट से इस बात का खुलासा हुआ है. आरोप है कि छत्तीसगढ़ में इसी नेता की मदद से महादेव एप घोटाला चल रहा था. दूसरी ओर, महादेव एप में पाकिस्तान और अंडरवर्ल्ड का कनेक्शन भी मिला है. ईडी ने अपनी चार्जशीट में बताया है कि महादेव एप संचालित करने वालों का पाकिस्तान और अंडरवर्ल्ड से कनेक्शन है. इसके मुख्य आरोपी सौरभ चंद्राकर ने 200 करोड़ रुपये में शादी की. उसने सितंबर 2022 में अपना जन्मदिन भव्य रूप से मनाया था.

दूसरी ओर, उसने दुबई में आलीशान पार्टी भी कराने की सोची थी. इसके लिए सेलिब्रिटीज की लंबी लिस्ट तैयार कर ली थी. चार्जशीट के मुताबिक, चंद्राकर ने कुछ इवेंट मैनेजमेंट और सेलिब्रिटी मैनेजमेंट की सेवाएं भी ली थीं. इन सभी को दुबई से मुंबई में हवाला के जरिये भुगतान किया गया. लेकिन ईडी की कार्रवाई के चलते एन वक्त पर ये पार्टी रद्द कर दी गई थी. आईडी ने चंद्राकर से जुड़ी कैटलिस्ट एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के दिल्ली और मुंबई ठिकानों पर छापेमारी की. मुंबई के ओशिवारा इलाके में एक रिहायशी बिल्डिंग पर ईडी ने रेड मारी थी. यहां से ईडी ने 3 लाख 81 हजार रुपये बरामद किए थे.

महादेव ऐप क्या है? इसके मालिक कौन हैं?
सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल द्वारा प्रवर्तित कंपनी ‘महादेव ऐप’ कथित तौर पर क्रिकेट, टेनिस, बैडमिंटन, पोकर और कार्ड गेम सहित विभिन्न लाइव गेम्स में कथित अवैध सट्टेबाजी के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म प्रदान करती है. ये पिछले चार वर्षों से कार्यरत हैं. कंपनी के प्रवर्तक छत्तीसगढ़ के भिलाई से हैं और महादेव ऑनलाइन बुक सट्टेबाजी एप्लिकेशन एक प्रमुख सिंडिकेट है जो अवैध सट्टेबाजी वेबसाइटों को सक्षम करने के लिए ऑनलाइन प्लेटफार्मों की व्यवस्था करता है.

दुबई से ऑपरेट हो रहा था ‘महादेव बेटिंग ऐप’
कंपनी के प्रवर्तक सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल दुबई से इसे संचालित कर रहे थे. वे नए उपयोगकर्ताओं का पंजीकरण करने के लिए ‘ऑनलाइन बुक बेटिंग एप्लिकेशन’ का इस्तेमाल करते थे, आईडी बनाते थे एवं बहु स्तरीय बेनामी बैंक खातों के नेटवर्क से मनी लॉन्ड्रिंग करते थे. चंद्राकर की कंपनी को कथित तौर पर घोटाले से लगभग 5,000 करोड़ रुपये का फायदा हुआ. प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों ने न्यूज18 को बताया कि ‘महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप’ के मालिकों के स्थानीय व्यापारियों और हवाला संचालन के अलावा पाकिस्तान में भी लिंक होने का संदेह है.

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