राजस्थान: जयपुर RTO ने अवैध परिवहन पर कसा शिकंजा, 1 दर्जन से ज्यादा बसों को किया जब्त, जानें वजह?

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हाइलाइट्स

जयपुर RTO ने की बड़ी कार्रवाई
अवैध तरीके से संचालित हो रहीं 15 बसों की किया सीज
चुनाव आयोग के निर्देशानुसार अवैध परिवहन पर कसा शिकंजा

जयपुर. चुनाव आयोग के निर्देशों के बाद राजस्थान परिवहन विभाग भी लगातार एक्शन मोड में नजर आ रहा है. विभाग ने अवैध बसों पर कार्रवाई करते हुए 1 दर्जन बसों को जब्त कर लिया है. इसके अलावा अवैध वाहनों के संचालन को लेकर विभाग द्वारा लगातार सख्ती की जा रही है. जयपुर से दिल्ली रूट पर गैरकानूनी तरीके से किए जा रहे परिवहन पर कार्रवाई करते हुए जयपुर RTO सेकेंड ने एक दर्जन से ज़्यादा बसों को जब्त किया है. लोकल जयपुर के स्टेज कैरिज या डिवीजनल परमिट उठाकर बिना किसी अस्थायी परमिट के दिल्ली तक चलने वाली इन बसों पर विभाग सख्त कार्रवाई के मूड में हैं.

निर्वाचन आयोग के निर्देशों के बाद परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव आनंद कुमार और परिवहन आयुक्त मनीषा अरोड़ा ने चुनाव अवधि के दौरान बसों के दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी है. जानकारी के मुताबिक सैकड़ों की संख्या में बस संचालक मुनाफा कमाने के लिए दूसरे राज्यों में बसें रजिस्टर करवाते हैं ताकि राज्य में टैक्स देने से बचा जा सके.

45 लाख रुपये का राजस्व बढ़ने की उम्मीद
परिवहन विभाग द्वारा जब्त की गई बसों में अब तक 15 बसें चंदवाजी, शाहपुरा, और कोटपूतली थाने में सीज की गई हैं. इसके अलावा बड़ी संख्या मे फर्जी चेसिस नंबर के वाहन मालिकों पर मुकदमे दर्ज किए गए हैं. तकरीबन 150 बसों को राज्य के अनुबंध कैरिज के दायरे में लाया गया है. वहीं कॉन्ट्रैक्ट कैरिज के चलते टैक्स चोरी पर भी अंकुश लग सकेगा. इसके साथ ही प्रति बस 30 से 40 हजार रुपये का टैक्स मिलना भी शुरू हो जाएगा, जिसके चलते प्रदेश के राजस्व में प्रतिमाह 45 लाख रुपये का इजाफा होगा.

3 माह में 50 से ज्यादा बसें हो चुकी हैं सीज
आरटीओ के एक्शन के बाद बच संचालकों में हड़कंप मच गया है. पिछले 3 महीनों में अब तक करीब 50 बसें सीज की गई हैं. इसके साथ ही अनाधिकृत बॉडी या सिटिंग अरेंजमेंट में बदलाव करने पर बसों की RC सस्पेंड की जा रही है. बस संचालकों द्वारा सिटिंग कैपेसिटी बढ़ाने के लिए सीमा से ज्यादा सीटें बढ़ा लेना एवं छत पर कैरियर लगाकर माल ढोने या चैसिस को काटकर मनमाने तरीके से सिटिंग अरेंजमेंट करने को कार्रवाई का मुख्य आधार बनाया गया है. बस मालिकों द्वारा मूल ढांचे में बदलाव करने पर ही RC बहाल की जा रही है. वहीं विभाग की कार्रवाई के बाद ज्यादातर बस संचालक अपनी बसों को वैध कागजों के दायरे में ला रहे हैं या फिर रूट से बसें हटा रहे हैं. फिलहाल विधानसभा चुनाव संपन्न होने तक ये कार्रवाई जारी रह सकती है.

Tags: 5 State Assembly Elections in 2023, Election Commission of India, Jaipur news, Rajasthan elections, Rajasthan news, RTO

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