देवउठनी एकादशी: 146 दिन बाद कल से फिर गूंजेगी ‘शहनाई’, राजस्थान में होंगी 60 हजार से ज्यादा शादियां

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हाइलाइट्स

देवउठनी एकादशी अबूझ सावा
राजस्थान में कारोबार आया बूम पर
23 नंवबर से शुरू होगा शादियों का सिलसिला

महिमा जैन.

जयपुर. करीब छह माह बाद 23 नंवबर से एक बार फिर से शहनाई की मधुर स्वर लहरियां सुनाई देंगी. गुरुवार को देवउठनी ग्यारस पर राजस्थान में करीब साठ हजार से ज्यादा शादियां होने का अनुमान लगाया जा रहा है. इनमें से जयपुर जिले में ही करीब 20 हजार शादियां होने का अनुमान है. इस बार अधिकमास की वजह से 146 दिनों बाद 23 नवंबर को देवउठनी एकादशी से शादी-विवाह सहित अन्य मांगलिक कार्यों की शुरुआत होगी.

देवउठनी ग्यारस को स्वयंसिद्ध अबूझ मुहूर्त माना जाता है. इसके चलते इस सावे पर बड़ी संख्या में शादियां होती हैं. राजस्थान में पहले विधानसभा चुनाव के लिए 23 नवंबर को ही मतदान होना था. लेकिन बाद में इस दिन देवउठनी ग्यारस के बड़े और अबूझ सावे को देखते हुए चुनाव आयोग ने राजस्थान में मतदान की तिथि को दो दिन आगे बढ़ाकर 25 नवंबर कर दी थी. अब राजस्थान में 25 नवंबर को मतदान होगा.

देवउठनी एकादशी: 146 दिन बाद कल से फिर गूंजेगी 'शहनाई', राजस्थान में होंगी 60 हजार से ज्यादा शादियां

16 दिसंबर को धनु मलमास शुरू हो जाएगा
ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक 29 जून को देवशयनी एकादशी के साथ ही मांगलिक कार्यों पर रोक लग गई थी. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की दशमी पर 22 नवंबर तक देवशयन दोष है. उसके बाद 23 नवंबर को देवप्रबोधिनी एकादशी (देवउठनी) पर विवाह आदि मांगलिक कार्य शुरू होंगे. घंटे घड़ियाल बजाकर भगवान को उठाया जाएगा. मंदिरों में विशेष झांकियां सजाई जाएगी. अबूझ सावा होने के कारण होने से शहनाइयां गूंजेंगी. उसके बाद 16 दिसंबर को धनु मलमास शुरू हो जाएगा. वह 14 जनवरी तक रहेगा. इसके चलते फिर से शादी-ब्याह सहित अन्य मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाएगा.

जयपुर जिले में 20 हजार से अधिक शादियां
ऑल इंडिया टेंट डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रवि जिंदल ने बताया कि देवउठनी ग्यारस पर अकेले जयपुर जिले में ही 20 हजार से अधिक शादियां होने का अनुमान है. पूरे राजस्थान में शादियों की संख्या 60 हजार के पार जाने की संभावना है. वेडिंग डेस्टिनेशन के लिए मशहूर राजस्थान में इस बार विदेशी पावणों के कारण शादी समारोह से जुड़े सभी टेंट, केटरिंग, सजावट के सामान, ब्यूटी पार्लर, फोटोग्राफी और परिवहन के संसाधनों की मांग बढ़ी है.

दूसरे राज्यों से भी संसाधन मंगवाए जा रहे हैं
वीवीआईपी शादियों के लिए दूसरे राज्यों से भी संसाधन मंगवाए जा रहे हैं. शादी समारोह में शिरकत करने के लिए देश-विदेश से मेहमानों का राजस्थान में आगमन भी शुरू हो चुका है. गुरुवार से सड़क पर बैंड-बाजा और बारात की रौनक दिखाई देगी. शादी-विवाह के लिए जयपुर शहर के मैरिज गार्डन, बैंक्वेट हॉल, कई होटल और रिसोर्ट बुक हो चुके हैं. बाजारों में खरीदारी भी परवान पर है. इस बार दस हजार करोड़ रुपये से अधिक का ज्वैलरी, गार्डन, होटल, केटरिंग और कपड़ों का कारोबार होने की संभावना है.

Tags: Jaipur news, Marriage ceremony, Rajasthan news, Religion, Wedding Ceremony

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