दुनिया देखेगी भारत की सैन्य ताकत… चीन-पाकिस्तान के तो अभी से छूटने लगे पसीने! 1.4 लाख करोड़ की परियोजना का प्रस्ताव

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हाइलाइट्स

इस प्रस्ताव में 97 फाइटर जेट और करीब 150 कॉम्बैट हेलिकॉप्टर को तैयार करने की बात कही गई है.
भारत सरकार ने पहले से ही 83 तेजस फाइटर जेट को मंजूरी दे रखी है.

नई दिल्ली: सैन्य ताकत को मजबूत करने के साथ-साथ मेड-इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने 1.4 लाख करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार किया है, जिसके तहत एक विमाननाहक पोत, 97 तेजस लड़ाकू विमान और 156 प्रचंड हल्के लड़ाकू हेलिकॉप्टर बनाने के लिए तीन बड़ी स्वदेशी परियोजनाओं को स्वीकृति दी जाएगी. 55 हजार करोड़ रुपये की लागत से 97 तेजस मार्क-1ए फाइटर जेट तैयार किए जाएंगे. बता दें कि साल 2021 में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स के साथ किए गए 46,898 करोड़ रुपये के कॉन्ट्रैक्ट के तहत 83 जेट विमानों का ऑर्डर दिया गया है. इसके साथ ही अब 180 तेजस जेट शामिल होंगे.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक इन 180 जेट में से भारतीय वायुसेना अपने दल में भी शामिल करेगी. क्योंकि फिलहाल एयरफोर्ट के पास केवल 31 फाइटर जेट हैं. जबकि चीन और पाकिस्तान से रक्षा के लिए कम से कम 42 स्क्वाड्रनों की जरूरत होती है. पहले 83 मार्क-1ए जेट की डिलीवरी फरवरी 2024-फरवरी 2028 की समयसीमा में होनी है. वहीं 40 हजार करोड़ रुपये की लागत से देश का दूसरा स्वदेशी विमानवाहक पोत (IAC-2) को कोचीन शिपयार्ड में तैयार किया जाएगा. जिसे तैयार होने में करीब 8-10 साल लगेंगे.

पहले आईएनएस विक्रांत को लगभग 20,000 करोड़ रुपये में बनाने के बाद सितंबर 2022 में चालू किया गया था, लेकिन यह 2024 के मध्य तक ही पूरी तरह से युद्ध के लिए तैयार हो जाएगा. बता दें कि नौसेना के पास पुराना रूसी मूल का वाहक आईएनएस विक्रमादित्य भी है, जिसे नवीनीकृत एडमिरल गोर्शकोव ने नवंबर 2013 में रूस के साथ 2.33 अरब डॉलर के सौदे के तहत शामिल किया था.

वहीं डीआरडीओ द्वारा विकसित किए जा रहे जुड़वां इंजन वाले डेक-आधारित लड़ाकू विमान को पूरी तरह से चालू होने में कम से कम एक दशक लगने की संभावना है. सियाचिन ग्लेशियर और पूर्वी लद्दाख जैसे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में आक्रामक अभियानों में सक्षम 156 प्रचंड हेलीकॉप्टर (सेना के लिए 90, IAF के लिए 66) की लागत लगभग 45,000 करोड़ रुपये होगी.

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सूत्रों के हवाले से टाइम्स ऑफ इंडिया ने बताया कि केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद 30 नवंबर को होने वाली बैठक में तीन महत्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए ‘आवश्यकता की स्वीकृति’ (एओएन) – खरीद प्रक्रिया में पहला कदम लेने की संभावना है. एक बार एओएन पर सहमति हो जाने के बाद, तीन सौदों को अंतिम मंजूरी के लिए सुरक्षा पर कैबिनेट समिति को सौंपे जाने से पहले निविदा और वाणिज्यिक बातचीत होगी. ये सभी परियोजनाएं, जिन्हें पूरा होने में कई साल लगेंगे, भारत के परिचालन को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण हैं.

Tags: Indian air force, Tejas

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