VIDEO: अवैध रैट-होल माइनिंग की क्यों ली मदद? उत्तरकाशी में सुरंग बचाव अधिकारी से जब पूछा गया सवाल तो ये दिया जवाब

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Uttarkashi Tunnel Rescue: रैट-होल माइनिंग तकनीक, जिसे 2014 में गैरकानूनी घोषित कर दिया गया था, का उपयोग पिछले 17 दिनों से उत्तराखंड में ढह गई सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41मजदूरों को बचाने के लिए ऑपरेशन में आखिरी कुछ मीटरों को साफ करने के लिए किया गया था. रात करीब आठ बजे शुरू हुए ऑपरेशन में लगभग एक घंटे में सभी मजदूरों को सफलतापूर्वक सुरंग से बाहर निकाल लिया गया.

NDTV की रिपोर्ट के अनुसार मीडिया ब्रीफिंग के दौरान, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के सदस्य, लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन (सेवानिवृत्त) ने रैट-होल माइनिंग तकनीक के उपयोग पर एक सवाल का जवाब दिया, जिसे राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (NGT) द्वारा गैरकानूनी घोषित किया गया है. उन्होंने कहा, ‘रैट-होल माइनिंग अवैध हो सकता है लेकिन रैट-होल खननकर्ता की प्रतिभा और अनुभव का उपयोग किया गया है.’

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एक अन्य अधिकारी ने लेफ्टिनेंट जनरल हसनैन की बात को आगे बढाते हुए कहा ‘NGT ने 2014 में कोयला माइनिंग के लिए इस तकनीक पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन यह एक ऐसा कौशल है जिसका उपयोग किया जाता है और निर्माण स्थलों पर श्रमिकों के लिए स्थिति हमेशा आरामदायक नहीं होती है. सिर्फ रैट-होल माइनिंग में काम करने वाले मजदूर ही नहीं बल्कि गैस कटर के काम में लगे लोगों के लिए भी ये आसान नहीं था. वे एक घंटे तक काम करते थे और फिर बाहर आ जाते थे. यह एक विशेष स्थिति थी जहां हमें जान बचानी थी. वे तकनीशियन हैं और हम श्रमिकों को बचाने के लिए उनके कौशल और उनकी क्षमताओं का उपयोग कर रहे हैं.’ मालूम हो कि भारी मशीनों के खराब होने और कोई सफलता प्रदान करने में विफल रहने के बाद यह माइनिंग अभ्यास बचाव में आया.

क्या है रैट-होल खनन?
रैट-होल माइनिंग बहुत छोटे गड्ढे खोदकर, जो 4 फीट से अधिक चौड़े नहीं होती है, कोयला निकालने की एक विधि है. एक बार जब खनिक कोयले की सीमा तक पहुंच जाते हैं, तो कोयला निकालने के लिए बगल में सुरंगें बनाई जाती हैं.

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निकाले गए कोयले को पास में ही डंप कर दिया जाता है और बाद में राजमार्गों के माध्यम से ले जाया जाता है. रैट-होल माइनिंग में, श्रमिक खदानों में प्रवेश करते हैं और खुदाई करने के लिए हाथ से पकड़े जाने वाले उपकरणों का उपयोग करते हैं. यह मेघालय में माइनिंग का सबसे आम तरीका है, जहां कोयले की परत बहुत पतली है और कोई भी अन्य तरीका आर्थिक रूप से अव्यवहार्य होने का जोखिम रखता है.

Tags: Uttarkashi News, Uttrakhand

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