बॉब डिलन पॉडकास्ट: हवा में ही गूंज रहे जवाब, ईश्वर का साथ हमारे साथ व एक और…

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Bob dylan english translated writings podcast: किसी मनुष्य को तुम मनुष्य मान सको/इसके लिए उसे कितना लम्बा सफ़र तय करना होगा/ एक सफ़ेद कबूतर रेत के भीतर शान्ति से सो सके/ इसके लिए उसे कितने समन्दर पार करने होंगे/ हाँ, तोपों के मुँह से कितने गोले निकलेंगे/ इससे पहले कि तुम हमशा के लिए उन पर रोक लगा सको/ इनके जवाब, मेरे दोस्त, हवा में ही गूँज रहे/ हवा में ही गूँज रहे सब जवाब….हाँ, एक पहाड़ कितने बरसों तक खड़ा रहेगा/समन्दर में पूरी तरह धुल जाने से पहले/हाँ, कितने सारे लोग कितने बरसों तक जिएँगे/आज़ाद होने की इजाज़त मिलने से पहले/और एक आदमी कब तक अपना सिर हिलाता रहेगा/यह स्वांग करते हुए कि उसे कुछ दिख नहीं रहा?…आसमान देख सके, इसके लिए कोई आदमी/कितनी बार अपना सिर उठाएगा/लोगों का रुदन सुन सके, इसके लिए/कितने कान होने चाहिए एक आदमी के पास/कितनी मौतें होनी चाहिए यह जानने के लिए/कि बहुत लोग मारे जा चुके/इनके जवाब, मेरे दोस्त, हवा में ही गूँज रहे… ये पंक्तियां लिखी हैं अमेरिका में जन्में मशहूर गायक, वादक और संगीतकार बॉब डिलन ने. न्यूज18 हिन्दी के स्पेशल पॉडकास्ट में मैं पूजा प्रसाद आपका स्वागत करती हूं, स्वीकार करिए मेरा नमस्कार. दोस्तो बॉब डिलन जो संभवत: इकलौते ऐसे म्यूजिशन रहे हैं जिन्हें साहित्य के नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया था. जिन पंक्तियों को मैंने यहां पढ़ा है, उनका अंग्रेजी से हिन्दी में अनुवाद किया है अमित सन्तोष मिश्र ने. आज हम बॉब डिलन के गद्य को ही अपने पॉडकास्ट का विषय बना रहे हैं, आइए सुनते हैं उनकी जानदार शानदार कविताएं जिन्हें अपनी गायकी और संगीत के जरिए उन्होंने पूरी दुनिया के दिलोजहन को छुआ.

अपने लिखे में जब बॉब ईश्वर की बात करते हैं तो लगता है वह ईश्वर से शिकायत भी कर रहे हैं और प्रार्थना भी. वह नास्तिक भी हैं और आस्तिक भी. वह जिस बेचैनी को अपनी लेखनी के जरिए गीतों में उतारते हैं, वे क्या खुद में एक क्रांति सरीखी नहीं हैं? जहां इंसानियत चीत्कार मारती हो.. आइए सुनें उनकी लंबी कविता ईश्वर का साथ हमारे साथ

मेरा नाम, अरे, कुछ नहीं है
मेरी उम्र का अर्थ और भी कम
मैं जिस देश से आया हूँ
उसको सब कहते हैं मिडवेस्ट
मुझको वहाँ यह पढ़ाया और सिखाया गया
कानून की राह पर चलना
और यह कि जिस देश में मैं रहता हूँ
ईश्वर का साथ उसके साथ है ।

अरे भाई ! इतिहास की किताबें बताती हैं
और इतना बढ़िया बताती हैं
घुड़सवारों ने धावा बोला
और इण्डियंस कट गए
घुड़सवारों ने धावा बोला
और इण्डियंस मर गए
अरे, देश तब जवान था
और ईश्वर का साथ उसके साथ था ।

अरे स्पेनी-अमरीकन युद्ध
का भी अपना समय था
और गृह-युद्ध को भी जल्दी ही
पीछे को छोड़ दिया गया
और नायकों के नामों को भी
मुझको रटवाया गया
उनके हाथ ज्यों बन्दूकें थीं, वैसे ही
ईश्वर का साथ उनके साथ था ।
अरे, प्रथम विश्व-युद्ध का भी, यारों !
समय आया और चला गया
लड़ाई का कारण लेकिन
मेरे पल्ले कभी नहीं पड़ा ।
पर मैंने उसे मानना सीख लिया
और मानना भी गर्व के साथ
क्योंकि अपन मरों को नहीं गिनते
जब ईश्वर का साथ अपने साथ हो ।

जब दूसरा विश्व-युद्ध भी
अपने अनजाम को पा गया
हमने जर्मनों को माफ़ कर दिया
और अपना दोस्त बना लिया
चाहे साठ लाख की उन्होंने हत्याएँ की हों
उनको भट्टियों में झुलसाकर ।
अब जर्मनों के लिए भी
ईश्वर का साथ उनके साथ था ।

मैंने रूसियों से घृणा करना सीख लिया
अपनी पूरी ज़िन्दगी के लिए
अगर एक और युद्ध होता है
हमें उनसे लड़ना ही होगा
उनसे घृणा करनी होगी और डरना होगा
भागना होगा और छिपना होगा
और यह सब बहादुरी से मानना होगा
ईश्वर का साथ अपने साथ रख कर ।

पर अब हमारे पास हथियार हैं
जो रासायनिक रेत से बने हैं
अगर उन्हें पड़ता है किसी पर दाग़ना
तो दागना तो हमें पड़ेगा ही
एक बटन का दबाना
और एक धमाका पूरी दुनिया में
और तुम सवाल कभी नहीं पूछोगे
जब ईश्वर का साथ तुम्हारे साथ हो ।

अनेक अन्धेरी घड़ियों में
मैंने इस बारे में सोच के देखा है
कि ईसा मसीह के साथ विश्वासघात
एक चुम्बन के साथ हुआ था
पर मैं तुम्हारे लिए नहीं सोच सकता
तुम्हें ख़ुद ही तय करना होगा
कि क्या जूडस इस्कैरियट
के भी साथ ईश्वर का साथ था ।

तो अब जब मैं तुम्हें छोड़ रहा हूँ
मैं ऊब और उकता चुका हूँ
जिस सम्भ्रम में मैं फँसा हूँ
कोई ज़बान जो है बता नहीं सकती
शब्दों से मेरा सिर भरा है
और नीचे फ़र्श पर भी वो गिरे हैं
अगर ईश्वर का साथ हमारे साथ है
तो वो अगले युद्ध को रोक देगा ।

इस गीत का हिन्दी अनुवाद किया है अनिल एकलव्य ने. बॉब डिलन का नाम था तो रॉबर्ट एलेन जिमरमन जिसे 1962 में उन्होंने बदलकर बॉब डिलन कर लिया था. 2016 में उन्हें साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार मिला. आइए सुनते हैं उनकी दूसरी कविता हवा में उड़ता जवाब…

कितने रास्ते तय करे आदमी
कि तुम उसे इंसान कह सको?
कितने समन्दर पार करे एक सफ़ेद कबूतर
कि वह रेत पर सो सके ?
हाँ, कितने गोले दागे तोप
कि उनपर हमेशा के लिए पाबन्दी लग जाए?
मेरे दोस्त, इनका जवाब हवा में उड़ रहा है
जवाब हवा में उड़ रहा है। (पूरी कविता सुनने के लिए पॉडकास्ट पर क्लिक करें)

बॉब डिलन के इस गीत का हिन्दी में अनुवाद किया है भोला रबारी ने. इन पंक्तियों में आप उन तैरते हुए सवालों को महसूस कर सकते हैं जिन्हें पूछा जाए या नहीं, लेकिन जिनके जवाब हवा में ही कहीं उड़ रहे होते हैं. इन्हें उड़ते हुए जवाबों के बीच आपको छोड़कर मैं पूजा प्रसाद विदा लेती हूं. जल्द ही मिलूंगी एक और रचनाकार के साथ. तब तक के लिए विदा.

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