राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या में शामिल गैंगस्टर रोहित गोदारा का बड़ा भाई हनुमान स्वामी पहली बार कैमरे के सामने आया है और फूट-फूटकर रोने लगा. हनुमान स्वामी ने कहा है कि ऐसे अपराधियों का अंत तो यही है कि पुलिस की गोली या सामने वाले की गोली है. सबका अंत गोली ही है चाहे कोई भी गैंगस्टर हो. मैं तो यही कहूंगा भाई कि सरेंडर कर दे, अगर न्यूज देख रहा है तो यही कहूंगा कि निर्दोषों को मारना बंद कर दे.
रोहित गोदरा के भाई हनुमान स्वामी ने कहा कि मुझे वॉट्सएप के जरिए जानकारी मिली थी कि गोगा जी की हत्या हुई है. जब उसने जिम्मेवारी ली तो मुझे लगा कि उसने नहीं किया होगा, क्योंकि उसकी क्या दुश्मनी होगी? लेकिन बाद में न्यूज में खबर देखी तो 2005 से रोहित बीकानेर में चला गया था और वहीं पर मोबाइल की उसकी दुकान थी. हनुमान ने बताया कि उसकी और मेरी शादी एक साथ हुई थी. जब हम 7 और 4 साल के थे वह मेरा छोटा भाई है
हनुमान ने बताया कि शादी के बाद मैं अपनी पत्नी के साथ रहने लगा, लेकिन रोहित की उसकी पत्नी के साथ नहीं बनी. वह बीकानेर में रहता था और वहां उसकी पत्नी ने उस पर दहेज का केस लगा दिया था, जिसके चलते वह जेल चला गया था. वहीं पर उसका अपराधियों से संपर्क हुआ. यह 2007 के आसपास की बात है उसी समय वह लगभग 6–7 महीने जेल के अंदर रहा था, क्योंकि दहेज केस में गया था. उसके बाद उसका पत्नी से डिवोर्स हो गया था और फिर वह बीकानेर में ही सुभाष पुरा इलाके में रहता था. रोहित यहां पर वर्ष 2005 के बाद से नहीं आया. सभी घर वाले चाहते थे कि वह अपनी पत्नी के साथ रहे अपना परिवार संभाले, क्योंकि समाज में उसके कामों से नाम खराब हो रहा था. इसी वजह से उसकी पत्नी से भी नहीं बनी और घरवालों से भी वह दूर हो गया.
हनुमान ने बताया कि हमने वर्ष 2010 के आसपास से उसे घर से निकाल दिया था. हम उसे समझाना चाहते थे कि उसका परिवार बनता तो बच्चे होते और फिर हमने यही बोला कि तू अपना काम कर हम अपना काम करते हैं. उन्होंने बताया कि वह अपराधियों के साथ रहने लगा और छोटे-मोटे अपराधों के चलते जेल में जाता रहा, कभी किसी को थप्पड़ मार देना, कभी किसकी प्रॉपर्टी लेना और इसी वजह से उसका जेल में आना-जाना लगा रहता है.
रोहित गोदरा के बड़े भाई ने बताया कि हमने वर्ष 2010 में उसे जमीन जायदाद से बेदखल कर दिया था. हमारे पिताजी ने अखबार में विज्ञापन निकालकर भी उसे जीमन जायदाद से निकाल दिया था. मुझे एक-दो गैंगस्टर के नाम याद है एक राजू सिंह पवार हैं और एक राम संपत नेहरा के बारे में और मुझे नहीं पता हमने न्यूज में देखा कि वह सब के साथ जुड़ा है.
गैंगस्टर के भाई ने बताया कि वह 3 साल पहले अजमेर जेल से छूटा था, तो यहां आया था. उस दिन रामनवमी थी. उन्होंने बताया कि वह फोन पर बात नहीं करता था और अभी तो हमें पता चला कि वह विदेश भाग गया. जब वह बीकानेर में था तब भी मां-बाप से बात नहीं करता था. जब हमारी दादी एक्सपायर हुई थी तब भी वह घर में नहीं आया था, जबकि वह बीकानेर में ही था. हमसे कभी उसकी बातचीत नहीं रही. जब 3 साल पहले आया तो उसके साथ 5–7 लड़के थे. मां ने कोशिश की थी समझने की हमें भी लगा था कि जेल में रहा है तो सुधर कर आएगा, लेकिन उसने मां की बात नहीं मानी. मां ने उसे बहुत समझाया था कि मैं तुझे जाने नहीं दूंगी. मां उसके आगे रोने लगी थी तब बोलने लगा कि मां मैं यहां रहूंगा तो लोग तब भी मुझे मार देंगे और इसलिए वह चला गया.
उन्होंने कहा कि मैं तो यही कहूंगा कि सरेंडर कर दे. बेगुनाहों को क्यों मार रहा है? हम क्या करें परेशान हो गए हैं रोते हुए शॉट हैं हमारी जिंदगी बर्बाद कर दी है. हमारे परिवार से मिलने कोई नहीं आता है घर में नहीं कोई पड़ोसी आता है उसने पूरे घर को बर्बाद कर दिया है .
.
Tags: Rajasthan news
FIRST PUBLISHED : December 8, 2023, 16:25 IST