नई दिल्ली: दिसंबर माह के पहले दिन रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने 2.23 लाख करोड़ रुपये की रक्षा परियोजनाओं को मंजूरी दी थी. इन परियोजनाओं के तहत 97 हल्के लड़ाकू विमान तेजस खरीदने को मंजूरी दी गई थी. इस खरीद के जरिये भारतीय वायुसेना में लड़ाकू स्क्वाड्रनों की कमी को पूरा करने की योजना है. भारतीय वायुसेना तेजस के स्क्वाड्रनों को कहां तैनात करेगी इसकी भी योजना बन गई है. तेजस एमके-वनए का पहला स्क्वाड्रन राजस्थान में पाकिस्तान सीमा के पास बीकानेर में तैनात किया जाएगा. यहां तैनाती से वायुसेना को यह लाभ मिलेगा कि जंग के हालात में पांच मिनट में तेजस सीमा पर होगा.
वायुसेना की योजना इन तेजस एमके-वनए हल्के लड़ाकू विमानों को पुराने हो चुके विमानों के स्क्वाड्रनों से बदलने की है. बीकानेर के नल एयरबेस पर तेजस एमके-वनए के स्क्वाड्रन की तैनाती के बाद मिग-21 को हटाया जा सकेगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक पहला तेजस विमानों का पहला बेड़ा फरवरी 2024 में डिलीवर किया जाएगा. बाकी विमान साल 2029 तक डिलीवर कर दिए जाएंगे.
कई तरह की भूमिकाओं वाला लड़ाकू विमान
तेजस भारत द्वारा विकसित किया गया एक हल्का व कई तरह की भूमिकाओं वाला लड़ाकू जेट विमान है. यह हिंदुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा विकसित एक सीट और एक जेट इंजन वाला, अनेक भूमिकाओं को निभाने में सक्षम एक हल्का युद्धक विमान है. यह बिना पूंछ का, कंपाउंड डेल्टा पंख वाला विमान है. इसके जरिये आने वाले समय में वायुसेना का बेड़ा और मजबूत होगा. इससे स्वदेशी एयरोस्पेस क्षेत्र को ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में और मजबूती मिलेगी..

जानें इसकी खूबियां
बताया जाता है कि तेजस विमान डिजिटल रडार वॉर्निंग रिसीवर, बाहरी आत्मसुरक्षा जैमर पॉड, बेहतर रडार, एडवांस बियॉन्ड-विजुअल-रेंड (बीवीआर) मिसाइलों और खास तौर से बेहतर रखरखाव के साथ आएगा. इस फाइटर जेट में 65 से 70 फीसदी तक स्वदेशी उपकरण लैस होंगे. रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायुसेना के लिए 97 तेजस एमके-1ए जेट की खरीद के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ 48,000 करोड़ रुपये का सौदा किया. तेजस स्वदेश निर्मित चौथी पीढ़ी का लड़ाकू विमान है. यह हवा में भी ईंधन भरने में सक्षम है.
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FIRST PUBLISHED : December 11, 2023, 12:58 IST