नई दिल्ली: संसद की सुरक्षा में चूक मामले में एक और बड़ी जानकारी सामने आई है. संसद की सुरक्षा में चूक से ठीक पहले सिक्योरिटी बढ़ाने को लेकर टेंडर जारी हुआ था. दरअसल, संसद परिसर की सिक्योरिटी बढ़ाने के लिए सीपीडब्ल्यूडी ने यह टेंडर जारी किया गया था. सीपीडब्ल्यूडी (CPWD) का ये टेंडर 35 करोड़ का है और इस प्रोजेक्ट को पूरा होने में 5 महीने का टाइम निर्धारित किया गया है. इस प्रोजेक्ट के तहत कुल 6 काम होने हैं.
1. रिसेप्शन लाउंज का पुनर्विकास (Redevelopment of Reception lounge)
2. सिक्योरिटी ब्लॉक्स (Security Blocks)
3. ई एंड एम सर्विस (E&M services)
4. सिक्योरिटी गैजेट्स (Security Gadgets)
5. बुलेटप्रूफ मोर्चा (Bulletproof Morchas)
6. सीवरेज और जल निकासी सहित बाहरी विकास (External development including sewerage and drainage)
दरअसल, CPWD एक प्रोजेक्ट चला रहा है. इस प्रोजेक्ट का नाम ‘संसद परिसर में रिसेप्शन लाउंज और अन्य सिक्योरिटी इंफ्रास्ट्रक्चर का पुनर्विकास’ है. टेंडर की कॉपी कुल 36 पेज की है. केंद्र सरकार के शहरी विकास मंत्रालय के CPWD के पास संसद के इंफ्रास्ट्रक्चर का जिम्मा है.
बता दें कि संसद पर 2001 में किए गए आतंकी हमले की बरसी के दिन बुधवार को देश की संसद में सुरक्षा में सेंधमारी की बड़ी घटना उस वक्त सामने आई, जब लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से दो लोग सदन के भीतर कूद गए और ‘केन’ के जरिये पीले रंग का धुआं फैला दिया. घटना के तत्काल बाद दोनों को पकड़ लिया गया. इस घटना के कुछ देर बाद ही पीले और लाल रंग का धुआं छोड़ने वाली ‘केन’ लेकर संसद भवन के बाहर प्रदर्शन करने वाले एक पुरुष और एक महिला को गिरफ्तार किया गया.

इस घटना में शामिल अब तक 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, वहीं लोकसभा सचिवालय ने संसद की सुरक्षा में चूक के मामले में आठ कर्मियों को निलंबित कर दिया है. इतना ही नहीं, गृह मंत्रालय ने इस मामले में उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. फिलहाल, 100 आईपीएस अफसरों की टीम आरोपियों का इतिहास खंगालने में जुटी है.
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FIRST PUBLISHED : December 14, 2023, 13:45 IST