Parliament security breach: कौन है वो पत‍ि-पत्‍नी? ज‍िनको पूछताछ के बाद द‍िल्‍ली पुल‍िस ने छोड़ा, जानें संसद स्‍मोक अटैक से क्‍या था कनेक्‍शन?

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संसद में हुए स्‍मोक अटैक मामले में द‍िल्‍ली पुल‍िस ने एक पत‍ि-पत्‍नी को लंबी पूछताछ के बाद छोड़ द‍िया है. इन पत‍ि-पत्‍नी को पुल‍िस ने संसद में हुए स्‍मोक अटैक मामले में ह‍िरासत में ल‍िया था. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने घंटों पूछताछ के बाद विक्रम उर्फ विक्की शर्मा और उसकी पत्‍नी राखी को छोड़ दिया है, दोनों को बुधवार को संसद की सुरक्षा में चूक के मामले में हिरासत में लिया गया था.

पुलिस सूत्रों के अनुसार, पांच मुख्य आरोपियों – मनोरंजन डी., सागर शर्मा, नीलम आजाद, अमोल शिंदे और ललित झा ने कथित तौर पर घटना से पहले की रात गुरुग्राम के सेक्टर 7 में शर्मा के घर में बिताई थी. वे बुधवार सुबह 8 बजे घर से निकले थे.

जांच से जुड़े एक सूत्र ने कहा क‍ि विस्तृत पूछताछ के बाद पत‍ि-पत्‍नी को छोड़ दिया गया. हालांकि, जब भी जरूरत होगी, उन्हें पूछताछ के लिए पुलिस के सामने पेश होना होगा. जबकि झा ने बुधवार रात को द‍िल्‍ली पुल‍िस के सामने सरेंडर कर द‍िया है. चार अन्य आरोपियों को दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है. पेशे से शिक्षक झा के राजस्थान या हरियाणा में होने का संदेह है और उन्हें जल्द से जल्द ट्रैक करने का प्रयास किया जा रहा है.

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जांच से जुड़े करीबी सूत्रों ने खुलासा किया कि पुलिस हिरासत में भेजे गए चारों आरोपियों से पूछताछ के दौरान कई मायावी जवाब सामने आए, जिससे ऐसा लग कि उन्होंने पहले से ही अपने जवाब तैयार कर लिए थे. पुलिस पूछताछ के दौरान, सभी चार आरोपियों ने लोकसभा की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाले सुरक्षा नियम उल्लंघन के लिए सामूहिक रूप से जिम्मेदारी ली.

मनोरंजन मैसूर का, सागर लखनऊ का रहने वाला है, जबकि नीलम हरियाणा के जिंद की रहने वाली है और अमोल महाराष्ट्र के लातूर का रहने वाला है. पार्लियामेंट स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में उनके और बिहार के मूल निवासी ललित झा के खिलाफ दर्ज मामले में धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), 452 (अतिक्रमण), 153 (दंगा भड़काने के इरादे से उकसाना), 186 (लोक सेवकों के काम में बाधा डालना), भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 353 (लोक सेवकों को कर्तव्य से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल), साथ ही गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की धारा 16 और 18 लगाई गई है.

गुरुवार को अदालती कार्यवाही के दौरान अभियोजन पक्ष ने गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों को ‘आतंकवादी’ करार दिया और दावा किया कि उन्होंने डर पैदा करने के इरादे से संसद पर एक सुनियोजित हमला किया था. पुलिस ने अदालत को सूचित किया कि उन्होंने आरोपियों के खिलाफ दायर आरोपों में यूएपीए की धारा 16 (आतंकवाद) और 18 (आतंकवाद की साजिश) को शामिल किया है.

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