निर्भया कांड के 11 साल: 4 को फांसी, 1 ने किया सुसाइड, रिहा हुआ नाबालिग अभी कहां है, क्या शादी कर ली है?

Picture of Gypsy News

Gypsy News

नई दिल्ली. 16 दिसंबर, 2012 दिन रविवार और दिल्ली की सर्द रात के बीच एक 23 साल की पेरामेडिकल छात्रा के साथ चलती बस में 6 लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया था. बलात्कार करने वालों में एक नाबालिग भी था. सात साल चली लंबी कानूनी लड़ाई के बाद 20 मार्च 2020 को निर्भया गैंपरेप के चार गुनाहगारों को तो फांसी पर लटका दिया गया. लेकिन, वह नाबालिग गुनाहगार जिसके बारे में कहा जाता है कि उसने निर्भया के साथ सबसे ज्यादा दरिंदगी की और अन्य को उकसाया था. वह नाबालिग होने के कारण 3 साल की सजा काटकर रिहा हो गया. 16 दिसंबर 2023 को निर्भया कांड के 11 साल होने जा रहे हैं. ऐसे में आपको आज बताने जा रहे हैं कि वह नाबालिग शख्स इस वक्त कहां है और किस तरह की जिंदगी जी रहा है. क्या उसने शादी कर ली है और अगर शादी कर ली है तो उसके कितने बच्चे हैं? उसके परिवार में मां-बाप और भाई-बहनों का क्या हाल है?

निर्भया के चार दोषियों पवन, विनय, मुकेश, अक्षय को उनके किए की सजा मिल गई. 20 मार्च, 2020 को तड़के 05.30 बजे निर्भया रेप केस के सभी 4 गुनहगारों को फांसी पर लटका दिया गया. निर्भया को इंसाफ देने और गुनहगारों को फांसी देने में सात साल का समय लग गया. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में सभी छह लोगों पर एफआईआर दर्ज किया था, जिसमें एक नाबालिग आरोपी पर जुबेनाइल एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था. निर्भया कांड का एक आरोपी राम सिंह ने जेल में ही खुदकुशी कर ली थी. जबकि, नाबालिग को जुवेनाइल कोर्ट से केवल तीन साल की सजा हुई थी. छह साल पहले वो तिहाड़ से रिहा हो गया था.

बता दें कि यह नाबालिग शख्स अकेला है, जिसका चेहरा ना तो दुनिया के सामने आया और न ही उसके परिवार वाले ने किसी को बताया. नाबालिग दोषी उत्तरप्रदेश के बदायूं जिले के एक गांव का रहने वाला है. घर की आर्थिक हालत पहले खराब थी, लेकिन पिछले कुछ सालों से कुछ सुधरी है. पिता मानसिक रूप से बीमार है. घर में मां-बाप के अलावा दो छोटी बहनें और दो भाई भी है. नाबालिग शख्स की भी शादी हो गई और उसके दोनों बहनों की भी शादी हो गई है.

दिल्ली-एनसीआर के एक बड़े एनजीओ ने नाम न छापने के शर्त पर बताया है कि नाबालिग शख्स इस वक्त साउथ के एक बड़े शहर में रह रहा है. रिहाई के वक्त दिल्ली सरकार ने नाबालिग दोषी को 10 हजार रुपए दिया था, ताकि वह टेलरिंग का काम कर सके. इसके अलावा और संगठनों से भी मदद पहुंचाई गई और सिलाई मशीनें उपलब्ध कराईं गईं. एनजीओ की मानें तो शख्स ने कुछ और काम शुरू कर दिया है.

अगर इस घटना की बात करें तो 16 दिसंबर की रात निर्भया एक दोस्त के साथ फिल्म देखकर लौट रही थी. रास्ते में दोनों ने मुनिरका से एक बस ली. इस बस में उन दोनों के अलावा 6 और लोग थे. निर्भया के दोस्त को सभी 6 दोषियों ने पीटकर बेहोश कर बस से बाहर फेक दिया. उसके बाद सभी छह लोगों ने निर्भया के साथ बर्बर तरीके से गैंग रेप किया. निर्भया को बाद में दिल्ली पुलिस ने पहले सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन आंतों और पूरे शरीर में गंभीर इंफेक्शन के बाद निर्भया को एयरलिफ्ट कर सिंगापुर के अस्पताल ले जाया गया, जहां 29 दिसंबर की देर रात उसने दम तोड़ दिया.

निर्भया केस के बाद देश में बलात्कार की परिभाषा बदल दी गई. इससे पहले सेक्सुअल पेनिट्रेशन को रेप माना जाता था, लेकिन इस घटना के बाद छेड़छाड़ और दूसरे तरीकों से यौन शोषण को भी बलात्कार में शामिल किया गया. पार्लियामेंट में नया जुवेनाइल जस्टिस बिल पास हुआ, जिसमें बलात्कार, हत्या और एसिड अटैक जैसे क्रूरतम अपराधों में 16 से 18 साल के नाबालिग आरोपियों पर भी वयस्क कानून के तहत आम अदालतों में केस चलता है. नए कानून के तहत 16 से 18 साल के नाबालिग को इन अपराधों के लिए बाल संरक्षण गृह में रखा जाने की बजाए सजा हो सकती है, हालांकि ये सजा अधिकतम 10 साल की ही हो सकती है. हालांकि, इस एक्ट के तहत सजा होने पर फांसी या उम्रकैद नहीं दी जा सकती है.

Tags: Gang Rape, Gangrape, Juvenile home, Nirbhaya, Nirbhya, Tihar jail

Source link

और भी

Leave a Comment

इस पोस्ट से जुड़े हुए हैशटैग्स