47 साल पुराने दोस्त की विदाई पर भावुक हो गए CJI चंद्रचूड़, साथ की थी LLB, चुनाव भी लड़वाया था

Picture of Gypsy News

Gypsy News

वीरान है मैकदा खुम-ओ-सागर उदास हैं,
तुम क्या गए के रूठ गए दिन बहार के…
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) ने जब फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की ये शायरी सुनाई तो सबके चेहरे पर नमी तारी हो गई. मौका था सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस संजय किशन कौल की फेयरवेल पार्टी का. जस्टिस कौल, उच्चतम न्यायालय में 6 साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद शुक्रवार को रिटायर हुए. फेयरवेल पार्टी में CJI चंद्रचूड़ ने जस्टिस कौल से अपनी 47 साल पुरानी दोस्ती को याद किया और तमाम किस्से सुनाए.

जस्टिस चंद्रचूड़ ने बताया कि मेरी पहली बार सेंट स्टीफन्स कॉलेज में जस्टिस कौल से मुलाकात ही हुई थी. हम लोग इमरजेंसी के बाद पहले बैच के छात्र थे. कैंटीन में खूब बातें किया करते थे. हम दोनों को थियेटर खासा पसंद था और यही हम दोनों को करीब लाया.

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने बताया, जस्टिस संजय किशन कौल ने कॉलेज के दिनों में स्टूडेंट यूनियन का चुनाव लड़ा था और हमने इन्हें सपोर्ट किया था. चूंकि मैं एकेडमिक तौर पर मजबूत था, इसलिए मुझे इनका चुनावी घोषणापत्र तैयार करने की जिम्मेदारी मिली थी. उन दिनों जस्टिस कौल के पास लाल कलर की एक कार हुआ करती थी. चुनाव के बीच इनका एक्सीडेंट हो गया और हमें लगा कि सहानुभूति में कुछ वोट मिल जाएगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं.

एलएलबी भी साथ की
सीजेआई चंद्रचूड़ ने बताया कि सेंट स्टीफन्स से पढ़ाई करने के बाद हम लोगों ने एक साथ दिल्ली यूनिवर्सिटी के कैंपस लॉ सेंटर में दाखिला लिया और एलएलबी की पढ़ाई की. एलएलबी के दिनों में जस्टिस संजय किशन कौल के नोट्स पूरे कॉलेज में फेमस थे. जस्टिस कौल साथी छात्रों से पूछा करते थे कि उन्होंने कौन सी क्लास बंक की, और उसके नोट्स दे दिया करते थे.

CJI चंद्रचूड़ जाति व्यवस्था और आरक्षण पर क्या बोले? क्यों दिया चश्मे वाला उदाहरण

कानून के पेशे में नहीं आना चाहते थे जस्टिस कौल
इसी कार्यक्रम में सीजेआई चंद्रचूड़ ने खुलासा किया कि जस्टिस कौल कानून के पेशे में नहीं आना चाहते थे. CJI ने कहा कि मैं सौभाग्यशाली हूं कि जस्टिस कौल ने कानून को प्रोफेशन के तौर पर चुना, क्योंकि यह इनकी पहली पसंद नहीं थी. इन्हें यात्रा करना बहुत पसंद था, इसलिए विदेश सेवा में जाना चाहते थे लेकिन बाद में चीफ जस्टिस बीएन कृपाल (BN Kirpal) ने इन्हें कानून के पेशे में आने को राजी किया.

47 साल पुराने दोस्त की विदाई पर भावुक हो गए CJI चंद्रचूड़, साथ की थी LLB, चुनाव भी लड़वाया था

चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि जस्टिस कौल ने हाईकोर्ट का जज रहते तमाम महत्वपूर्ण जजमेंट दिए जो उनकी न्याय के प्रति समझ, संवेदनशीलता और संविधान के प्रति जिम्मेदारी को दिखाता है. सीजेआई ने उदाहरण देते हुए कहा कि ‘मकबूल फिदा हुसैन बनाम राजकुमार पांडे’ केस में जस्टिस कौल ने रचनात्मक आजादी का पक्ष लिया था. इस केस में मकबूल फिदा हुसैन की भारत माता की पेंटिंग को अश्लील करार देते हुए चुनौती दी गई थी.

Tags: DY Chandrachud, Justice DY Chandrachud, Supreme Court, Supreme court of india

Source link

और भी

Leave a Comment

इस पोस्ट से जुड़े हुए हैशटैग्स