नई दिल्ली. केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने रविवार को महिला आरक्षण विधेयक और इसके लागू होने को लेकर जारी बहस पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को निशाने पर लिया. उन्होंने पूछा कि क्या कांग्रेस सांसद इस बात का विरोध नहीं करेंगे कि विधेयक को समय से पहले लागू करने पर वह सीट, जिसका वह प्रतिनिधित्व करते हैं, एक महिला के लिए आरक्षित कर दी जाए.
42वें संविधान संशोधन का जिक्र करते हुए मेघवाल ने कहा कि परिसीमन की प्रक्रिया, जो एक दशकीय जनगणना के आधार पर विभिन्न राज्यों की सीमाएं तय करती है, जो अंततः प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के प्रतिनिधियों के विनियोग को सुनिश्चित करती है, को 2026 तक रोक दिया गया है. माना जा रहा है कि परिसीमन की प्रक्रिया के बाद लोकसभा में सांसदों की संख्या बढ़कर 800 से अधिक हो जाएगी.
केंद्रीय कानून मंत्री ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “संविधान के अनुच्छेद 82 के तहत परिसीमन 2026 तक ‘रोक’ दिया गया है. इसे पहले कैसे आयोजित किया जा सकता है? यदि आप देखें, तो राहुल गांधी वायनाड से सांसद हैं. अगर हम वह सीट महिला के लिए आरक्षित करते हैं, तो क्या वह हमारी आलोचना नहीं करेंगे? इसीलिए एक परिसीमन समिति यह तय करेगी कि कौन-सी सीट (महिलाओं के लिए) आरक्षित होगी.”
कानून मंत्री इस बात के लिए भी कांग्रेस पर हमला बोला कि जब पार्टी सत्ता में थी, तब उन्होंने इस विधेयक को राज्यसभा में पेश किया था और जब यह विधेयक लोकसभा में आया तो इसे छोड़ दिया गया. उन्होंने कहा, “पता नहीं कांग्रेस ने इसे (महिला आरक्षण विधेयक) सबसे पहले (2009 में) राज्यसभा में क्यों पेश किया. विधेयक को राज्यसभा में पारित होने के बाद लोकसभा में पेश किया गया. हालांकि, कांग्रेस ने अपनी सरकार को बचाने के लिए विधेयक को गिरा दिया.”
लोकसभा एवं राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण देने संबंधी (एक सौ अट्ठाईसवां संविधान संशोधन) विधेयक, 2023 को राज्यसभा ने 21 सितंबर को मंजूरी दे दी. इसके साथ ही इस विधेयक को संसद की मंजूरी मिल गई. लोकसभा ने 20 सितंबर को इसे पारित किया था.
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FIRST PUBLISHED : September 24, 2023, 20:36 IST