Opinion: खेलों के मैदान में आगे बढ़ते भारत के कदम, दुनिया में छा जाने को तैयार हम…

Picture of Gypsy News

Gypsy News

वाराणसी: वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अत्याधुनिक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम की आधारशिला रखते हुए कहा, ‘जो खेलेगा-वही खिलेगा. खेलों में आज भारत को जो भी सफलता मिल रही है वो हमारी बदली हुई सोच का परिणाम है.’ ये सच है कि आज खेलों को लेकर देश में एक नया माहौल है. मौजूदा समय भारत को दुनिया में ना केवल एक खेल महाशक्ति बनाना है बल्कि खेलों के माध्यम से भारतीय समाज के सशक्तिकरण का करना है.

क्रिकेट में भारत तीनों फार्मेट ODI, T20 और TEST में नंबर 1 है. ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा ने विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया. वह स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय बन गए हैं. इसी साल ओलंपिक पदक विजेता भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने मलेशिया को हरा कर एशियन चैंपियनशिप जीती. अजरबैजान के बाकू में आयोजित हुए चेस वर्ल्ड कप में भारत के युवा रमेशबाबू प्रज्ञाननंदा ने सिल्वर मेडल जीता. इसी साल जुलाई में भारतीय फुटबॉल टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए SAFF चैंपियनशिप 2023 में विजेता बनने का गौरव हासिल किया. जब बेंगलुरु के श्री कांतीवीरा स्‍टेडियम पर खेले गए कशमकश भरे फाइनल में सुनील छेत्री की टीम ने कुवैत को 5-4 हराया.

पढ़ें- Opinion: एक बार फिर से लोगों के भरोसे पर खरे उतरे PM नरेंद्र मोदी, सर्वे में बने दुनिया के नंबर 1 नेता

‘बच्चे हर खेल में देश का नाम रोशन कर रहे हैं’
आज देश में माहौल ऐसा है कि सरकार और समाज दोनों के पूरे प्रयास हैं कि खेलों का और प्रचार प्रसार हो. बीते महीने अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘पहले जब कोई बच्चा खेलने जाता था तो उसके परिवार वाले उसे रोकते थे. लेकिन अब बहुत कुछ बदल गया है और खिलाड़ी जो सफलता हासिल कर रहे हैं, वह हर परिवार को प्रेरित करती है. हमारे बच्चे हर खेल में देश का नाम रोशन कर रहे हैं. आज स्कूल-कॉलेजों में भी इनकी चर्चा होती है.’

पाठ्यक्रम का हिस्सा बनने जा रहा है स्पोर्ट्स
आज राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्पोर्ट्स को एक विषय के रूप में पढ़ाया जाना प्रस्तावित है. यानी स्पोर्ट्स अब पाठ्यक्रम का हिस्सा होने जा रहा है. इसके साथ ही साल 2023 बजट में खेल मंत्रालय के बजट में बंपर बढ़ोतरी की गई है. केंद्र सरकार ने युवा और खेल मामलों के मंत्रालय के लिए 3389 करोड़ रुपये का बजट दिया है, जो पिछले साल के 2671 करोड़ रुपये बजट से काफी ज्यादा है. साथ ही मोदी सरकार ने खेलो इंडिया के बजट में 400 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी कर इसका बजट 1000 करोड़ रुपये कर दिया है. अकेले जम्मू-कश्मीर में खेलों को बढ़ावा देने के लिए 15 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. जबकि राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय के लिए 107 करोड़ रुपये आवंटित किए गए. वाराणसी में आधारशिला रखते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने दावा किया, ‘स्पोर्ट्स इंडस्ट्री से समाज के हर क्षेत्र में विकास आएगा, ये पूरे पूर्वांचल का चमकता हुआ सितारा बनने वाला है.’

केंद्र सरकार ने देश में खेलों के विकास के लिए ‘खेलो इंडिया’ जैसा अभियान शुरू किया ताकि खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के लिहाज से सुविधाएं मुहैया कराई जा सकें. इसके सुखद परिणाम भी मिलें जब टोक्यो ओलंपिक में भारत ने 7 मेडल अपने नाम किए, जिसमें 1 गोल्ड, 2 सिल्वर और 4 ब्रॉन्ज मेडल थे. जबकि इससे पहले रियो ओलंपिक में देश को केवल 2 ही मेडल मिले थे. आज कोशिश है कि खिलाड़ियों को अधिक से अधिक सहायता दी जा सके और खेलों के प्रति ज्यादा से ज्यादा लोगों को आकर्षित किया जा सके.

एक घटना जो लगभग हर भारतीय खेल प्रेमी को याद होगी जब टोक्यो ओलंपिक में महिला हॉकी टीम अपना पहला ओलंपिक पदक जीतने से बस एक कदम से चूक गई. प्रधानमंत्री मोदी ने इस मैच के तुरंत बाद खिलाड़ियों के साथ फोन पर बात की. भावुक हुई टीम रोने लगी तो अभिभावक बने पीएम मोदी ने उत्साह बढ़ाते हुए कहा, ‘सबसे पहले आप रोना बंद कीजिए. पिछले 5-6 सालों से जो पसीना आपने बहाया है, वो सभी में जोश भर रहा था. आप जो साधना कर रहे थे, आपका पसीना पदक नहीं ला सका लेकिन आपके पसीने ने करोड़ों बेटियों और खिलाड़ियों को प्रेरणा दी है.’

यह भी पढ़ें- Opinion: बदलाव की बयार और बंगस महोत्सव, हिमालय का सिर और ऊंचा हुआ

प्रधानमंत्री मोदी करते हैं उत्साहवर्धन
एक प्रधानमंत्री की तरफ से जब ऐसा उत्साहवर्धन मिलता है तो खिलाड़ी का मनोबल और ऊंचा हो जाता है. वैसे तो प्रधानमंत्री मोदी अक्सर देश के खिलाड़ियों और टीमों को उनकी खास जीत और उपलब्धियों के मौकों पर ट्वीट कर उन्हें प्रेरित करने का काम करते हैं. लेकिन खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाने की एक और घटना साल 2021 में हुई जब प्रधानमंत्री मोदी ने खेलों के सबसे बड़े पुरस्कार ‘राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार’ का नाम हॉकी के जादूगर और महान खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखने की घोषणा की. टोक्यो ओलंपिक के बाद जब खिलाड़ी भारत लौटे तो मोदी ने ओलंपिक दल के सभी खिलाड़ियों और उनके कोचों को नाश्ते पर बुलाया. प्रधानमंत्री मोदी ने ओलंपिक रवाना होने से पहले खिलाडियों से कुछ वादे भी किए थे, जिन्हें उन्होंने पूरा भी किया. मसलन नीरज चोपड़ा को उन्होंने चूरमा और पीवी सिंधु को आइसक्रीम खिलाई.

जानकारी के मुताबिक वाराणसी का अत्याधुनिक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम 30 एकड़ क्षेत्र में भगवान शिव की थीम पर बनाया जाएगा. महादेव के सर पर सुशोभित चंद्र को स्टेडियम की छत पर प्रदर्शित किया जाएगा. फ्लड लाइट्स का आकार त्रिशूल सरीखा होगा. मीडिया सेंटर डमरू जैसा बनेगा. प्रवेश द्वार के डिजाइन में हर जगह बेलपत्र की आकृति लगी होगी. इसके अतिरिक्त स्टेडियम से जुड़ी प्रवेश सीढ़ियों को गंगा घाट की सीढ़ियों की तरह बनाने की व्यवस्था की जाएगी जो इसे और विशेष बनाएगी. दरअसल काशी का ये स्टेडियम हमारे सांस्कृतिक महत्व और क्रिकेट उत्कृष्टता का प्रतीक है. बकौल प्रधानमंत्री मोदी ‘महादेव की नगरी में बन रहा ये स्टेडियम महादेव को ही समर्पित है.’

Tags: PM Modi, Pm narendra modi

Source link

और भी

Leave a Comment

इस पोस्ट से जुड़े हुए हैशटैग्स