नई दिल्ली. चंद्रयान-3 ने स्लीप मोड में प्रवेश करने से पहले किए गए 10-दिवसीय चंद्र अन्वेषण (Lunar Exploration) के दौरान अपने लगभग सभी नियोजित कार्यों को पूरा कर लिया था. हालाँकि, भारतीय राष्ट्रीय प्रतीक और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के लोगो की स्पष्ट छवि, जो चंद्र सतह पर अंकित करने के लिए प्रज्ञान रोवर के पिछले पहिये पर उभरी हुई थी, अभी तक प्राप्त नहीं हुई है. इस बारे में बताते हुए इसरो के प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि चंद्रमा की सतह चिपचिपी और गांठदार हो गई है, जिससे स्पष्ट छवि नहीं मिल पाती है.
बहरहाल, उन्होंने पुष्टि की कि छापें बना ली गई हैं और उन्नत तस्वीरें जल्द ही जारी की जाएंगी. इसरो, मिशन को फिर से सक्रिय करने के लिए काम कर रहा है. अब तक, अंतरिक्ष एजेंसी को विक्रम लैंडर से कोई संकेत नहीं मिला है, लेकिन वह चंद्र दिवस रहने तक रोवर प्रज्ञान और लैंडर विक्रम को जगाने के अपने प्रयास जारी रखेगा. कठोर चंद्र रात के बाद तापमान बेहद कम हो जाता है; और ऐसे वातावरण में रोवर और लैंडर को विशेष तौर पर तैयार करना होता है.
पृथ्वी पर हुए टेस्ट में तो स्पष्ट छाप मिली थी, लेकिन चंद्रमा पर…
इधर, एक टेलीविजन शो के दौरान, इसरो प्रमुख सोमनाथ ने बताया कि प्रज्ञान रोवर पर निशान विशिष्ट चंद्र इलाके के लिए डिजाइन किए गए थे और पृथ्वी पर परीक्षण के दौरान ये निशान आ गए थे. हालाँकि, उन्होंने कहा कि जब रोवर वास्तव में चंद्र स्थल पर पहुंचा, तो इलाका काफी अलग दिखाई दिया. उन्होंने कहा, ‘विक्रम लैंडर की लैंडिंग प्रक्रिया के दौरान, आश्चर्यजनक रूप से बहुत कम धूल उत्पन्न हुई, जो दर्शाता है कि चंद्रमा की सतह ढीली धूल की तरह नहीं बल्कि चिपचिपे, ढेलेदार पदार्थ की तरह व्यवहार कर रही थी.’
चंद्रमा की सतह पर इसलिए छाप उभर नहीं पाई क्योंकि…
सोमनाथ ने कहा, इस चिपचिपाहट ने चंद्रमा की सतह पर छापों की गुणवत्ता को प्रभावित किया होगा. उन्होंने कहा, समतल, सीधे भूभाग पर छापें बेहतर बन सकती हैं, जबकि असमान सतहों पर अच्छी तरह से खींची गई छवियां नहीं बन सकती हैं. सोमनाथ ने कहा कि हालांकि तस्वीरें बहुत स्पष्ट नहीं हो सकती हैं, फिर भी वे मौजूद हैं और भविष्य में उन्हें बेहतर बनाने और साझा करने का प्रयास किया जाएगा.
.
Tags: Chandrayaan-3, ISRO, Mission Moon, Moon
FIRST PUBLISHED : September 25, 2023, 16:51 IST