नई दिल्ली. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बुधवार को कहा कि स्वास्थ्य शायद व्यवस्था के लिहाज से सरकार की जिम्मेदारी होगी, लेकिन उसमें सहयोगी होना सबकी जिम्मेवारी है. वे ‘संजीवनी-यूनाइटेड अगेंस्ट कैंसर’ कैम्पेन की लॉन्चिंग के मौके पर बोल रहे थे. उन्होंने इस कैम्पेन को नेशनल एजेंडा से जोड़ते हुए कहा कि इसमें और भी लोगों एवं संस्थाओं को जुड़ना चाहिए.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “मेरा मानना है कि यह केवल एक ईवेंट नहीं है, वास्तव में यह राष्ट्रीय एजेंडा का एक हिस्सा है. देश के प्रति हर नागरिक का कर्तव्य है. यहां इस कार्यक्रम में कोई अच्छा सुझाव दे देंगे, मैं मानता हूं कि उन्होंने अपने कर्तव्य का पालना किया है. यहां कोई शख्स हमारी कमियों को बताकर उसे सबके सामने लाएंगे, मैं मानता हूं कि उन्होंने अपने कर्तव्य का पालन किया है.”
उन्होंने आगे कहा, “देश हम सबका है. स्वास्थ्य शायद व्यवस्था के लिहाज से सरकार की जिम्मेदारी होगी, लेकिन उसमें सहयोगी होना सबकी जिम्मेवारी है. और इस साझा जिम्मेवारी से ही हम कोविड-19 जैसी महामारी का सामना कर पाए. आपने देखा होगा.. कोविड संकट के दरम्यान हर व्यवस्था के साथ जनता को जोड़ा गया और काम जनता ने किया और इसका आउटपुट देश को मिला.”
मंडाविया ने कहा, “कोविड संकट के दौरान दुनिया के पास दवाईयां नहीं थीं. जरूरी दवाओं का संकट था. उस वक्त सारी दुनिया में लॉकडाउन था. भारत में कोई भी फ्लाइट ऑपरेट नहीं हो रही थी. लेकिन उस वक्त हर रोज चार से पांच फ्लाइट यहां लैंड होती थी दवा लेने के लिए. 150 देशों में भारत ने मेडिसिन सप्लाई की.”
#UnitedAgainstCancer: If we wanted, we could have increased the price of the #COVID vaccine but we did not do so. Health is not commerce #Asha workers are well trained to know primary symptoms, says @mansukhmandviya#Sanjeevani | @FederalBankLtd @NovartisIndia @tatatrusts pic.twitter.com/L9IwIo4kdx
— News18 (@CNNnews18) September 27, 2023
उन्होंने आगे कहा, “जिस वक्त दुनिया दवाओं का स्टॉक इकट्ठा कर रही थी, दुनिया में ऐसे दो-तीन देश थे, तब हम ‘वैक्सीन मैत्री’ के तहत हमारे पड़ोसी देश और निर्धन देशों के लिए वैक्सीन मुहैया करा रहे थे. इस सारी प्रक्रिया के दरम्यान हम चाहते तो उस वक्त दवाओं की कीमत हम अपने हिसाब से ले सकते थे, उस वक्त वैक्सीन की कीमत 15 से 20 डॉलर तक थी, लेकिन हम 2.5 से 3 डॉलर में दुनिया को वैक्सीन उपलब्ध करा रहे थे. हम चाहते तो उसकी कीमत बढ़ा सकते थे, लेकिन हमने ऐसा नहीं किया.”
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FIRST PUBLISHED : September 27, 2023, 21:06 IST