कोरोना महामारी और रूस-यूक्रेन संकट के कारण ग्लोबल सप्लाई चेन के प्रभावित होने से विश्व के सामने विभिन्न चुनौतियां खड़ी हुई हैं. यह वैश्विक चुनौतियां अपना प्रभाव लगातार बनाए हुए हैं और कई जगहों पर सुरसा के मुख की तरह अपने आप को फलते जा रही हैं. इन संकटों के कारण दुनिया में आर्थिक झंझावात भी आया है और जिसके कारण कई देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है. अमेरिका और चीन जैसी बड़ी और मजबूत अर्थव्यवस्थाएं भी संभवत: अपने सबसे खराब दौर में हैं. दुनिया में महंगाई जहां आसमान छू रही है, वहीं विकास दर नकारात्मक हो रही है. इन सब चुनौतियों के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सही समय पर सही और साहसिक फैसलों के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक झंझावातों को न सिर्फ सह रही है, बल्कि विकास के नए कीर्तिमानों को गढ़ने की ओर अग्रसर है.
रियलस्टेट और ऑटोमोबिल सेक्टर में दिख रही रिकॉर्ड तेजी
देश में त्यौहारों के आहट के साथ ही बाजार में रौनक दिख रही है. रियल एस्टेट सेक्टर और ऑटोमोबाइल सेक्टर की बात करें तो यहां पर रिकॉर्ड तेजी देखने को मिल रही है. आंकड़ों की बात करें तो वित्तीय वर्ष 2022-23 में घरों की बिक्री पिछले साल के मुकाबले 48 फीसदी बढ़कर 3.47 लाख करोड़ तक पहुंच गई है. यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है. जानकारों का मानना है कि आने वाले त्योहारी सीजन के समय इस बिक्री में 30-40 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है. जानकार यह भी बताते हैं कि फेस्टिवल सीजन में गाड़ियों की बिक्री भी 30-35 फीसदी बढ़कर के 10 लाख के आंकड़े को पार कर सकती है.
आने वाले दिनों में मांग में और बढ़ोतरी होगी
आंकड़े बताते हैं कि प्रत्येक साल 1000 आदमी पर 5 घरों की जरूरत होती है, लेकिन फिलहाल आपूर्ति 3 घरों की हो पाती है. लिहाजा जिस तरह से शहरीकरण हो रहा है और घरों की मांग बढ़ रही है, ऐसे में रियल स्टेट भी बढ़ रहा है. देश में रियल एस्टेट क्षेत्र में निवेश भी लगातार बढ़ रहा है. जानकार कहते हैं कि 2030 तक देश में रियल स्टेट सेक्टर 1 लाख करोड डॉलर (लगभग 83 लाख करोड़ रुपए) के आंकड़े को छू सकता है, जो कि फिलहाल 22 लाख करोड़ है. 2025 तक इसके लगभग 54 लाख करोड़ तक पहुंचाने का अनुमान लगाया जा रहा है. केंद्र सरकार की ओर से भी इस सेक्टर को पूरी मदद दी जा रही है और पीएम आवास योजना के अंतर्गत इस वित्तीय वर्ष में लगभग 79000 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया.
इसके साथ ही देश में इस त्यौहारी सीजन में 10 लाख से अधिक गाड़ियों की बिक्री का अनुमान लगाया जा रहा है. 2021 में 9.34 लाख गाड़ियों की बिक्री हुई थी, जो कि 2022 में 8.92 लाख रह गई थी. लेकिन जिस प्रकार से इस बार मांग दिख रही है उसके अनुसार यह आंकड़ा 10 लाख को पार कर जाने की उम्मीद है. जानकार बताते हैं कि त्योहार के मौसम में कारों की बढ़ती मांग के कारण फैक्ट्रियों में उत्पादन बढ़ाने की पूरी कवायद की जा रही है और इसके तहत कामगारों के साप्ताहिक अवकाश को खत्म करने के साथ-साथ उनके वर्किंग ऑवर को भी बढ़ाया जा रहा है. कार कंपनियों की कोशिश है कि वेटिंग पीरियड को भी कम किया जाए.
भारत दुनिया की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था
बीजेपी प्रवक्ता जयराम विप्लव का कहना है कि देश में पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मजबूत और निर्णायक सरकार होने के कारण सही समय पर सही फैसले लिए जा रहे हैं. इसी का परिणाम है कि एक ओर जहां दुनिया में वैश्विक मंदी दिख रही है, वहीं भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है. जयराम विप्लव कहते हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी की नीतियों के कारण ही आज देश में महंगाई दर नियंत्रित है, जबकि दुनिया के विकसित देशों में भी महंगाई और ब्याज दर अपने रिकार्ड स्तर पर है. उनका कहना है कि यही कारण है कि आज भारत दुनिया की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था है. जयराम विप्लव का दावा है कि जल्द ही भारत की अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलियन डॉलर की हो जाएगी और इसे बनाने का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों को जाता है.
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FIRST PUBLISHED : September 28, 2023, 07:53 IST