नई दिल्ली. 2024 में प्रधानमंत्री मोदी को मात देने का ख्वाब पाले ‘इंडिया’ गठबंधन के भीतर सब कुछ ठीक नहीं है. न तो किसी कमेटी की कोई बैठक हो रही है और न ही अगली रैली की तारीख और जगह तय हो पा रही है. यही नहीं आधी अधूरी कमेटियों के जरिए अगला लोकसभा चुनाव जीतने के दावे करने वाले विपक्ष में मतभेद भी खुलकर सामने आन लगे हैं.
गौरतलब है कि पटना, बेंगलुरु और मुंबई में विपक्ष ने बैठकों में शामिल होकर बीजेपी के खिलाफ एकजुट होकर चुनाव लड़ने और सीटों के बंटवारे पर फोकस किया था, लेकिन पिछले दो हफ्ते से ‘इंडिया गठबंधन’ में कोई गतिविधि नहीं दिख रही न ही आगे की कोई रूपरेखा नजर आ रही है. यही नहीं भोपाल में प्रस्तावित रैली तो रद्द हो गई, लेकिन अगली रैली कब और कहां होगी ये भी तय नहीं हो पा रहा है.
एमपी में चुनावी सक्रियता बढ़ा रहे अखिलेश
उधर अखिलेश यादव मध्य प्रदेश में प्रचार शुरू कर चुके हैं. शरद पवार के घर पर 13 सितंबर को हुई समन्वय समिति की बैठक के बाद इसके सदस्य दोबारा नहीं मिल सके, जबकि तय हुआ था कि बैठकों के बीच ये कमेटी सीट बंटवारे सहित अन्य लंबित मुद्दों पर चर्चा करती रहेगी. बीजेपी नीत एनडीए गठबंधन के मुकाबले के लिए खुद को तैयार बताने वाले इंडिया गठबंधन में अब भी कई पेच हैं, जो सुलझाने बाकी हैं. इसमें सबसे बड़ी समस्या सीट बंटवारे की है.
कमेटियों में शामिल नाम पर भी सियासत
आपसी मतभेद का आलम ये है कि मुंबई बैठक में घोषित कमेटियों में एक को छोड़कर बाकी किसी कमेटी में टीएमसी ने कोई प्रतिनिधि नामित नहीं किया है. यही हाल लेफ्ट का भी है. ऐसी में आधी अधूरी तैयारी की साथ कैसे लड़ेगा इंडिया और जब पूरी तैयारी से लड़ेगा ही नहीं तो कैसे जीतेगा इंडिया?
सीट बंटवारे पर घमासान
इंडिया गठबंधन में इस वक्त आप और कांग्रेस पंजाब के मुद्दे पर आमने-सामने हैं तो सीट बंटवारे पर सपा और कांग्रेस में यूपी में जुबानी जंग चल रही है. उधर बिहार में मनोज झा के ठाकुर वाले भाषण के बाद आरजेडी और जेडीयू के नेताओं के बीच बयानों के तीर चल रहे हैं. ऐसे में इंडिया गठबंधन दलों के बीच सबसे बड़ी चुनौती सबसे पहले खुद के ही सहमति के साथ एक साथ खड़े रहने की होगी.
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FIRST PUBLISHED : September 29, 2023, 16:17 IST