National Turmeric Board News: क्‍या है मोदी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्‍ट नेशनल टर्मरिक बोर्ड? कैसे करेगा काम, क्‍या है इसका लक्ष्‍य, जानें इसके बारे में सबकुछ

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केन्‍द्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बुधवार को कैब‍िनेट की बैठक में नेशनल टर्मरिक बोर्ड (राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड) के गठन को मंजूरी दे दी है. इसके बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का कहना है कि इस बोर्ड का लक्ष्य है कि भारत 2030 तक प्रतिवर्ष एक बिलियन डॉलर हल्दी का निर्यात विदेश में किया करेगा.

बोर्ड का यह होगा काम
नेशनल टर्मरिक बोर्ड के कामकाज के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि कोरोना महामारी के बाद दुनिया ने हल्दी के महत्व को समझ लिया है. भारत सरकार भी इसके उत्पादन उपभोग और निर्यात को बढ़ावा देना चाहती है. यह बोर्ड इसमें मदद करेगा. इसके साथ ही नेशनल टर्मरिक बोर्ड देश में हल्दी और हल्दी उत्पादों के विकास और ग्रोथ पर ध्यान केंद्रित करेगा. राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड हल्दी से जुड़े मामलों पर नेतृत्व प्रदान करेगा, प्रयासों को बढ़ाएगा, हल्दी क्षेत्र के विकास और टर्मरिक बोर्ड की ग्रोथ और अन्य सरकारी एजेंसियों के साथ अधिक समन्वय की सुविधा प्रदान करेगा.

इसके साथ ही दुनिया भर में हल्‍दी की खप्‍त बढ़ने की बहुत संभावनाएं है और बोर्ड की मदद से हल्‍दी की प्रत‍ि जागरूकता और खपत बढ़ाने, निर्यात बढ़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नए बाजार विकसित करने, नए उत्पादों में र‍िसर्च करने और विकास को बढ़ावा देने का काम करेगा. बोर्ड विशेष रूप से मूल्य संवर्धन से अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए हल्दी उत्पादकों की क्षमता निर्माण और कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित करेगा. बोर्ड गुणवत्ता, खाद्य सुरक्षा मानकों के पालन को भी बढ़ावा देगा. इतना ही नहीं बोर्ड हल्दी को सुरक्षा प्रदान करेगा और उपयोगी दोहन के लिए भी कदम उठाएगा.

बोर्ड की गतिविधियां से हल्दी उत्पादकों पर केंद्रित होगी और इसकी खेती पर ध्‍यान द‍िया जाएगा और इसको बढ़ाया जाएगा. इतना ही नहीं हल्दी उत्पादकों के बेहतर इस्‍तेमाल पर भी ध्‍यान देगी, जिससे क‍िसानों को उनकी उपज के लिए बेहतर कीमत मिलेगी. र‍िसर्च, बाजार विकास, बढ़ती खपत और मूल्य संवर्धन में बोर्ड की गतिविधियां यह भी सुनिश्चित करेंगी कि हमारे क‍िसान और प्रोसेसर उच्च गुणवत्ता वाली हल्दी और हल्दी उत्पादों के निर्यातकों के रूप में वैश्विक बाजारों में अपनी प्रमुख स्थिति बनाए रखना जारी रखें.

बोर्ड का इस तरह का होगा प्रारूप
बोर्ड में केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त एक अध्यक्ष, आयुष मंत्रालय के सदस्य, केंद्र सरकार के फार्मास्यूटिकल्स, कृषि और किसान कल्याण, वाणिज्य और उद्योग विभाग, तीन राज्यों के वरिष्ठ राज्य सरकार के प्रतिनिधि (रोटेशन के आधार पर) होंगे. र‍िसर्च टीम में राष्ट्रीय/राज्य संस्थानों, हल्दी किसानों और निर्यातकों के प्रतिनिधियों शाम‍िल होंगे और वाणिज्य विभाग द्वारा एक सचिव की नियुक्ति की जाएगी.

हल्दी उत्पादन को लेकर भारत की दुनिया में यह है स्थिति
भारत दुनिया में हल्दी का सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक है. वर्ष 2022-23 में, 11.61 लाख टन (वैश्विक हल्दी उत्पादन का 75% से अधिक) के उत्पादन के साथ भारत में 3.24 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हल्दी की खेती की गई थी. भारत में हल्दी की 30 से अधिक किस्में उगाई जाती हैं और यह देश के 20 से अधिक राज्यों में उगाई जाती है. हल्दी के सबसे बड़े उत्पादक राज्य महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु हैं.

हल्दी के विश्व व्यापार में भारत की हिस्सेदारी 62 प्रत‍िशत से अधिक है. 2022-23 के दौरान, 380 से अधिक निर्यातकों द्वारा 207.45 मिलियन अमरीकी डॉलर मूल्य के 1.534 लाख टन हल्दी और हल्दी उत्पादों का निर्यात की गई थी. भारतीय हल्दी के लिए प्रमुख निर्यात बाजार बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका और मलेशिया हैं. बोर्ड की केंद्रित गतिविधियों के साथ, यह उम्मीद है कि हल्दी निर्यात 2030 तक 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगा.

राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड के गठन को मंजूरी मिलने के बाद केंद्रीय मंत्री रेड्डी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि वे हमेशा किसानों के हित में काम करते हैं. हल्दी बोर्ड का गठन भी इसी दिशा में किया गया एक प्रयास है. जी किशन रेड्डी का कहना है कि इससे तेलंगाना के कई किसानों की लंबी मांग पूरी हो गई जो लगभग 15 से 20 साल से इसको लेकर के आंदोलन कर रहे थे और अपने मांग के समर्थन में उन किसानों ने चप्पल न पहनने का फैसला लिया था. जी किशन रेड्डी का कहना है कि ऐसे किसानों को बीजेपी कार्यकर्ताओं ने सम्मान के तौर पर चप्पल गिफ्ट करने का फैसला लिया है.

Tags: PM Modi, Union cabinet meeting today

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