महादेव बेटिंग ऐप घोटाला: जानें क्या है पूरा मामला और अभिनेता रणबीर कपूर क्यों हैं ईडी के निशाने पर

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नई दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ के ‘महादेव बेटिंग ऐप’ से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में अभिनेता रणबीर कपूर को समन जारी कर शुक्रवार को पूछताछ के लिए उपस्थित होने का निर्देश दिया है. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. सूत्रों ने बताया कि ईडी 14 से 15 अन्य हस्तियों की मामले में भूमिका की जांच कर रही है और उन्हें भी जल्द पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा.

ईडी की जांच से पता चलता है कि महादेव एप्लिकेशन के प्रमोटरों द्वारा उनके गेमिंग प्लेटफॉर्म का प्रचार करने के बदले रणबीर कपूर को भुगतान किया गया था. कपूर को जिस पैसे से यह भुगतान किया गया, वह कथित तौर पर क्राइम से हासिल इनकम थी. महादेव ऐप के विज्ञापनों और सोशल मीडिया प्रचारों में भी रणबीर दिखाई दिए थे.

एजेंसी ने आरोप लगाया है कि कपूर को कथित तौर पर ऐप के प्रमोटरों में से एक की शादी में प्रस्तुति देने के लिए प्रमोटरों से धन मिला था. उन्होंने बताया कि ईडी ने कपूर को छह अक्टूबर को एजेंसी के रायपुर स्थित कार्यालय में उपस्थित होने को कहा है.

महादेव ऐप क्या है? इसके मालिक कौन हैं?
सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल द्वारा प्रवर्तित कंपनी ‘महादेव ऐप’ कथित तौर पर क्रिकेट, टेनिस, बैडमिंटन, पोकर और कार्ड गेम सहित विभिन्न लाइव गेम्स में कथित अवैध सट्टेबाजी के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म प्रदान करती है. ये पिछले चार वर्षों से कार्यरत हैं. कंपनी के प्रवर्तक छत्तीसगढ़ के भिलाई से हैं और महादेव ऑनलाइन बुक सट्टेबाजी एप्लिकेशन एक प्रमुख सिंडिकेट है जो अवैध सट्टेबाजी वेबसाइटों को सक्षम करने के लिए ऑनलाइन प्लेटफार्मों की व्यवस्था करता है.

दुबई से ऑपरेट हो रहा था ‘महादेव बेटिंग ऐप’
एजेंसी के मुताबिक कंपनी के प्रवर्तक सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल दुबई से इसे संचालित कर रहे थे. उसने आरोप लगाया कि वे नए उपयोगकर्ताओं का पंजीकरण करने के लिए ‘ऑनलाइन बुक बेटिंग एप्लिकेशन’ का इस्तेमाल करते थे, आईडी बनाते थे एवं बहु स्तरीय बेनामी बैंक खातों के नेटवर्क से मनी लॉन्ड्रिंग करते थे. चंद्राकर की कंपनी को कथित तौर पर घोटाले से लगभग 5,000 करोड़ रुपये का फायदा हुआ. प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों ने न्यूज18 को बताया कि ‘महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप’ के मालिकों के स्थानीय व्यापारियों और हवाला संचालन के अलावा पाकिस्तान में भी लिंक होने का संदेह है.

UAE में था ‘महादेव ऐप’ का हेटक्वॉर्टर
अधिकारियों ने बताया कि ईडी की जांच में खुलासा हुआ कि ‘महादेव ऑनलाइन बुक ऐप’ का संचालन संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) स्थित प्रधान कार्यालय से किया जाता था. उन्होंने बताया कि वे अपने जानकारों को ‘फ्रेंचाइजी’ के जरिये खोली गई शाखाओं को कारोबार का अधिकार 70-30 के लाभ अनुपात पर देते थे.

कमाई की रकम को भेजने के लिए ‘हवाला’ का इस्तेमाल हुआ
अधिकारियों ने बताया कि सट्टा से हुई कमाई की राशि दूसरे देशों में मौजूद खातों में भेजने के लिए बड़े पैमाने पर ‘हवाला’ का इस्तेमाल करते थे. उन्होंने बताया कि भारत में सट्टा वेबसाइट के प्रचार करने के लिए बड़े पैमाने पर नकदी का इस्तेमाल किया गया ताकि नए उपयोगकर्ताओं और फ्रेंचाइजी के लिए आकर्षित किया जा सके.

Tags: Enforcement directorate, Ranbir kapoor

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