नई दिल्ली. खालिस्तान आतंकवादी अपराधी गठजोड़ की जांच के दौरान नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) को खालिस्तान नेटवर्क में लगी डी कंपनी की भूमिका नजर आ रही है. कुख्यात अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ जो आतंकवादी अपराधी गठजोड़ की कड़ियां मिलकर रची थी, वो अब अंडरवर्ल्ड से भी ज्यादा खतरनाक हो गई है.
दुनिया भर में फैले खालिस्तानी आतंकवादी अपराधी गठजोड़ की पटकथा की शुरुआत पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के आपराधिक नेटवर्क के आधार पर शुरू की थी. डी कंपनी के नेटवर्क में स्थानीय अपराधी से लेकर फिल्म अभिनेता, संगीतकार और राजनेता सभी शामिल थे जिनके द्वारा दिए गए सहयोग के आधार पर दाऊद ने डी कंपनी को इतना विशाल बना दिया था कि उसके नाम से ही अनेक बड़े-बड़े काम निकल जाते थे. चाहे वह किसी की सुपारी हो या फिर किसी जमीन पर कब्जा करना या फिर हथियारों की तस्करी.
केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए को खालिस्तान अपराधी आतंकी गठजोड़ के मामले की जांच के दौरान यह प्रतीत हुआ कि यह पूरा गठजोड़ डी कंपनी के आधार पर तैयार किया गया है. लिहाजा उसने अपने दस्तावेजों में खालिस्तान नेटवर्क को मुंबई अंडरवर्ल्ड नेटवर्क से भी जोड़कर देखा. एनआईए ने खालिस्तान आतंकवादी अपराधी गठजोड़ के मामले में अपनी जांच दस्तावेज में साफ तौर पर लिखा है कि यह गठजोड़ 90 के दशक की शुरुआत में मुंबई के गैंगस्टरों के साथ यानी डी कंपनी के साथ काफी समानताएं रखता है.
मुंबई बम विस्फोट की जांच में हुआ था पहली बार खुलासा
मसलन 1993 में मुंबई में हुए बम विस्फोट और उसके बाद सूरत एवं अहमदाबाद में हुई सांप्रदायिक हिंसा की जांच से पता चला था कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ने भारत में सांप्रदायिक तनाव फैलाने के लिए भारतीय गैंगस्टर नेटवर्क का फायदा उठाया था. इस मामले में मुंबई विस्फोटों की जांच के लिए गठित वोहरा समिति ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट तौर पर कहा था कि मुंबई बम विस्फोट की जांच के दौरान विभिन्न व्यावसायिक क्षेत्र और फिल्म जगत में अंडरवर्ल्ड के व्यापक संबंधों का पता चला है.
डी कंपनी की तर्ज पर ही खालिस्तानी आतंकवादियों ने शुरू किया अपना काम
दस्तावेजों के मुताबिक आतंकवादी आपराधिक गठजोड़ में यह भी देखा गया कि पंजाब का संगीत उद्योग, राजनीतिक पदाधिकारी, कबड्डी खिलाड़ी और वकील आदि इसके साथ शामिल पाए गए. इसके साथ ही इस नेटवर्क का सीधा संबंध पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी से भी मिला जैसा कि डी कंपनी में होता आया था. डी कंपनी के नेटवर्क की तर्ज पर ही खालिस्तान आतंकवादी अपराधी गठजोड़ ने अपनी आय का मुख्य जरिया रियल स्टेट और धमकी देकर उगाही करने, सुपारी लेकर लोगों को मारने, भूमि इमारत पर जबरन कब्जा करने और विवादित संपत्तियों को सस्ती दरों पर खरीदने आदि से बनाया हुआ है.
आईएसआई से भी जुड़े खालिस्तानी आतंकवादी
जांच एजेंसी ने यह भी पाया कि वर्तमान जांच में भी ऐसी स्थिति सामने आई है जिसमें टिल्लू ताजपुरिया, नवीन वाली, नीरज बवाना, कौशल चौधरी आदि लोगों ने शुरुआती चरण में गुड़गांव में अपना गिरोह बनाया और यह गिरोह रियल एस्टेट में भी शामिल था और बाद में उन्होंने खुद को गैंगस्टर आतंकवादी में बदल लिया. जांच में यह बात भी सामने आई कि जिस तरह से मुंबई के गैंगस्टर सीमा पार की खुफिया एजेंसी से बातचीत कर रहे थे, ठीक उसी तरह से वर्तमान आतंकवादी अपराधी गठजोड़ भी सीमा पार की खुफिया एजेंसी के इशारे पर आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं.
दाऊद ने जिस तरह से हथियार और ड्रग्स को अपनी आय के साधनों में शामिल किया, उसी तरह से खालिस्तान गठबंधन भी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की मदद से हथियार और ड्रग्स की पंजाब और आसपास के इलाकों के रास्ते से ड्रग्स और हथियार मंगा रहा है और उन्हें पूरे भारत में फैला रहा है जिसका इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों से लेकर सांप्रदायिक दंगे कराने में भी हो रहा है.
यानी कुल मिलाकर इस आतंकवादी अपराधी गठजोड़ की कड़ियां दाऊद की डी कंपनी से इस कदर मिलती-जुलती नजर आ रही है जिसे एहसास होता है कि इस गठजोड़ की नींव रखने में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ दाऊद का भी हाथ था. फिलहाल जांच एजेंसी यह भी जांच कर रही है कि दाऊद गिरोह के कितने लोगों से खालिस्तान नेटवर्क के लोगों की बात हो रही है.
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FIRST PUBLISHED : October 5, 2023, 05:21 IST