गृहमंत्री अमित शाह ने IPC को बदलने की जरूरत को सही ठहराया, कहा- कोई भी कानून 50 साल बाद पुराना हो जाता है

Picture of Gypsy News

Gypsy News

देहरादून: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को भारतीय दंड विधान (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और साक्ष्य अधिनियम को बदले जाने की जरूरत को उचित ठहराते हुए कहा कि कोई भी कानून 50 साल के बाद पुराना हो जाता है. यहां 49 वीं अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, ‘1860 से 2023 तक आईपीसी, सीआरपीसी और साक्ष्य अधिनियम में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है.’

अमित शाह ने कहा कि 50 साल के बाद कोई भी कानून पुराना हो जाता है. उन्होंने कहा कि अपराध का पैमाना बदल चुका है और अपराध करने का तरीका भी बदल चुका है लेकिन उनसे निपटने के तरीके में कोई परिवर्तन नहीं आया है. उन्होंने हाल में संसद सत्र में केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा इस संबंध में पेश तीन नए विधेयकों के बारे में बताते हुए कहा कि एक बार इनके पारित हो जाने के बाद ये तीनों पुराने कानूनों का स्थान ले लेंगे जिससे देश को मामलों के निपटारे में असाधारण देरी से मुक्ति मिलेगी.

अमित शाह ने कहा कि ‘अमृत काल में गृह मंत्रालय से लेकर आखिरी पुलिस थाने तक असंख्य सुधारों की योजना बनाई गयी है और उन्हें अब जमीन पर उतारने का समय है. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रही है और ऐसे समय में हमारे ‘आर्थिक हब’ की सुरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए देश भर में हमारे पुलिस बल तथा कानून लागू करने वाली एजेंसियों को मजबूत करना जरूरी है.

गृहमंत्री अमित शाह ने IPC को बदलने की जरूरत को सही ठहराया, कहा- कोई भी कानून 50 साल बाद पुराना हो जाता है

शाह ने कहा कि अमृत काल के दौरान हो रही पहली पुलिस विज्ञान कांग्रेस में छह विषयों को लिया गया है जिसमें 5जी युग में पुलिसिंग, नारकोटिक्स (मादक पदार्थ), सोशल मीडिया की चुनौतियां, सामुदायिक पुलिसिंग, आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियां, पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के बीच समन्वय शामिल हैं. अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस में शामिल विषय पूरी तरह से देश की आंतरिक सुरक्षा, कानून और व्यवस्था तथा सीमा सुरक्षा को कवर करते हैं.

Tags: Amit shah, Amit shah news

Source link

और भी

Leave a Comment

इस पोस्ट से जुड़े हुए हैशटैग्स