नई दिल्ली. पी20 शिखर सम्मेलन में नस्लवाद और धर्म के आधार पर आतंकवाद सहित इसके सभी रूपों की निंदा की गई. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के नेतृत्व में शुक्रवार को पी20 शिखर सम्मेलन में बड़ी सफलता हासिल करते संयुक्त घोषणा पत्र को सर्वसम्मति से पारित किया गया.
संयुक्त बयान में जी20 देशों की संसद के अध्यक्षों ने ना सिर्फ महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे और ऊर्जा केंद्रों के खिलाफ आतंकवादी कृत्यों की निंदा की गई, बल्कि आतंकवादी समूहों को पनाहगाह, गतिविधियों को अंजाम देने की स्वतंत्रता, वित्तीय या राजनीतिक समर्थन से वंचित करने के लिए व्यापक वैश्विक सहयोग का भी आह्वान किया गया.
पी-20 में आए सभी देशों ने संयुक्त घोषणा पत्र पर सहमति जताई और कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन में पारित एजेंडे को यथार्थ बनाने में सभी संसदें मिलकर काम करेंगी. इसके साथ ही ग्रीन एनर्जी को प्रोत्साहन, डिजिटलीकरण के माध्यम से लोगों के जीवन को बेहतर बनाने पर भी सभी देशों ने अपनी सहमति जाहिर की.
संयुक्त घोषणा पत्र में नारी शक्ति वंदन कानून की सराहना की गई. पी20 नेताओं ने आतंकवाद और उग्रवाद का मुकाबला करने की प्रतिबद्धता जताने के साथ ही सभी देशों ने नए संसद भवन के लिए भारत को बधाई भी दी.
इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पी20 शिखर सम्मेलन में शांति और कल्याण की वकालत करते हुए कहा कि संघर्ष और टकराव से भरी दुनिया किसी के हित में नहीं है. उन्होंने कहा, “एक विभाजित दुनिया मानवता के सामने आने वाली प्रमुख चुनौतियों का समाधान नहीं दे सकती है. यह समय शांति और भाईचारे का समय है, साथ मिलकर चलने का समय है. यह सबके विकास और खुशहाली का समय है. हमें वैश्विक विश्वास संकट से उबरना होगा और मानव-केंद्रित सोच के साथ आगे बढ़ना होगा. हमें दुनिया को ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ की भावना से देखना होगा.”
उन्होंने भारत द्वारा दशकों से झेले जा रहे सीमा पार आतंकवाद पर भी प्रकाश डाला, जिसके कारण हजारों निर्दोष लोगों की हत्या हुई है. पीएम मोदी ने करीब 20 साल पहले संसद पर हुए आतंकवादी हमले को याद किया जब संसद सत्र चल रहा था और आतंकवादी सांसदों को बंधक बनाकर उन्हें खत्म करने के लिए तैयार थे.
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Tags: G20 Summit, Om Birla
FIRST PUBLISHED : October 13, 2023, 19:22 IST