राघव चड्ढा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस, निलंबन मामले में राज्‍यसभा सचिवालय से मांगा जवाब

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नई दिल्‍ली. आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा (Raghav Chadha) को 11 अगस्त को संसद के मानसून सत्र के आखिरी दिन असंसदीय आचरण करने, नियमों के घोर उल्लंघन, कदाचार, अभद्र रवैये और अवमाननापूर्ण आचरण के लिए निलंबित किया गया था. इसको लेकर उन्‍होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और अब उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्‍यसभा सचिवालय को नोटिस जारी किया गया है और उससे 30 अक्टूबर तक जवाब मांगा गया है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अटॉर्नी जनरल इस मामले में कोर्ट की सहायता करें. मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच में सुनवाई हुई. दरअसल 11 अगस्त 2023 को संसद के मानसून सत्र के आखिरी दिन असंसदीय आचरण करने, नियमों के घोर उल्लंघन, कदाचार, अभद्र रवैये और अवमाननापूर्ण आचरण के लिए निलंबित किए गए राघव चड्ढा के मामले में संसद की विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट भी लंबित है.

निलंबन मामले में नियमावली के स्‍पष्‍ट उल्‍लंघन की दलील
राघव चड्ढा ने अपनी याचिका में दलील दी है कि राज्यसभा से निलंबन सदन संचालन नियमावली के नियम 256 का स्पष्ट उल्लंघन किया गया है. राज्यसभा से किसी भी सदस्य को अनिश्चितकाल के लिए निलंबित नहीं किया जा सकता. सांसद राघव चड्ढा को निलंबित किए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्यसभा सचिवालय से जवाब मांगा है. इस मामले में अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को होगी, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में देश के अटॉर्नी जनरल से भी सहायता करने को कहा है.

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क्‍या जांच लंबित रहने तक निलंबित किया जा सकता है
राघव चड्ढा ने अपने निलंबन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. उनका कहना है कि विशेषाधिकार समिति को उनका मामला भेजने के बावजूद उन्हें निलंबित किया गया है. उन्होंने इस बात पर भी सवाल उठाया है कि क्या किसी सदस्य को सत्र से अधिक या जांच लंबित रहने तक निलंबित किया जा सकता है?

Tags: Aam aadmi party, Raghav Chadha, Rajya sabha, Supreme Court

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