नई दिल्ली: रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं. पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में आरोपी उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी अप्रूवर यानी सरकारी गवाह बन गया है. रियल एस्टेट अरबपति निरंजन हीरानंदानी के बेटे दर्शन हीरानंदानी तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा से जुड़े कैश फॉर क्वेरी विवाद में सरकारी गवाह बन गया और दावा किया कि उसने केंद्र सरकार से सवाल पूछने के लिए राज्यसभा सांसद महुआ मोइत्रा के संसदीय लॉगिन का इस्तेमाल किया था. महुआ मोइत्रा के निशिकांत दुबे के खिलाफ मानहानि मामले की सुनवाई से एक दिन पहले यानी आज आरोपी उद्योगपति ने सारे राज खोल दिए और कबूल किया कि उसने लॉगइन किया था. इस मामले की एक्सक्लूसिव कॉपी न्यूज18 इंडिया के पास है.
दरअसल, दर्शन हीरानंदानी का यह बयान महुआ मोइत्रा के लिए किसी से झटके से कम नहीं है, क्योंकि दर्शन का बयान मोइत्रा द्वारा भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ दायर मानहानि मामले में शुक्रवार को सुनवाई से पहले आया है, जिसमें भाजपा सांसद ने उन पर संसद में सवाल पूछने के लिए एक व्यवसायी से ‘रिश्वत’ लेने का आरोप लगाया था. बता दें कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने तृणमूल कांग्रेस की लोकसभा सदस्य महुआ मोइत्रा के खिलाफ सवाल पूछने के बदले ‘रिश्वत लेने’ संबंधी भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे द्वारा की गई शिकायत को निचले सदन की आचार समिति के पास भेज दिया है.
बिजनेसमैन दर्शन ने हलफनामे में क्या-क्या कहा
आरोपी बिजनेसमैन दर्शन ने अपने हलफनामे में कहा कि कई मौकों पर उसकी महुआ मोइत्रा से मुलाकात हुई थी और वह टीएमसी सांसद से रोजाना से लेकर साप्ताहिक तौर पर बातचीत करता था. उसने हलफनामे में कहा, ‘उन्होंने एक सांसद के रूप में अपनी ईमेल आईडी मेरे साथ साझा की, ताकि मैं उन्हें जानकारी भेज सकूं और वह संसद में सवाल उठा सकें. मैं उनके प्रस्ताव के साथ गया… कुछ जानकारी मेरे साथ साझा की गई, जिसके आधार पर मैंने जरूरत पड़ने पर उनके संसदीय लॉगिन का उपयोग करके प्रश्नों का मसौदा तैयार किया और पोस्ट करना जारी रखा.’ दर्शन ने यह भी दावा किया कि टीएमसी नेता ने उससे कई तरह की मदद मांगी. उसने कहा कि कई बार मुझे लगा कि वह मेरा अनुचित फायदा उठा रही हैं और मुझ पर उन चीजों को करने के लिए दबाव डाल रही हैं, जो मैं नहीं चाहता था, लेकिन उपरोक्त कारणों से मेरे पास कोई विकल्प नहीं था.
निशिकांत दुबे ने स्पीकर को लिखा था खत
दरअसल, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ स्पीकर को खत लिखा था और आरोप लगाया था कि महुआ मोइत्रा के संसद की लॉगइन आईडी से एक उद्योगपति को लॉगइन करने का पासवर्ड दिया गया. निशिकांत दुबे ने रविवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद महुआ मोइत्रा पर संसद में सवाल पूछने के लिए एक व्यवसायी से धन लेने का आरोप लगाया और उनके खिलाफ आरोपों की जांच के लिए एक ‘जांच समिति’ गठित करने का लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से आग्रह किया था. निशिकांत दुबे ने बिरला को ‘संसद में ‘सवाल पूछने के लिए नकदी लेने’ का मामला फिर से सामने आने को लेकर पत्र लिखा और उन्होंने पत्र में ‘विशेषाधिकार के गंभीर उल्लंघन’, ‘सदन की अवमानना’ और भारतीय दंड संहिता की धारा 120-ए के तहत एक अपराध में संसद सदस्य (लोकसभा) महुआ मोइत्रा की सीधी संलिप्तता का आरोप लगाया है. दुबे ने एक वकील से मिले पत्र का हवाला देते हुए कहा कि वकील ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता और एक व्यवसायी के बीच रिश्वत के लेन-देन के ‘अकाट्य’ सबूत साझा किए हैं.
महुआ मोइत्रा ने क्या कहा
वहीं, मोइत्रा ने पलटवार करते हुए सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, ‘मैं गलत तरीके से अर्जित अपनी पूरी कमाई और उपहारों का उपयोग एक कॉलेज/विश्वविद्यालय खरीदने के लिए कर रही हूं, जिससे ‘डिग्री दुबे’ अंततः एक वास्तविक डिग्री हासिल कर सकते हैं.’ उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष को टैग करते हुए कहा, ‘झूठे हलफनामे के लिए उनके (दुबे) खिलाफ जांच पूरी करें और फिर मेरे खिलाफ जांच के लिए समिति गठित करें.’

दुबे ने क्या आरोप लगाया
निशिकांत दुबे ने लोकसभाध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा कि हाल तक लोकसभा में उनके (मोइत्रा) द्वारा पूछे गए 61 में से 50 प्रश्न अडाणी समूह पर केंद्रित थे, जिस पर टीएमसी सांसद ने अक्सर कदाचार का आरोप लगाया हैं. दुबे ने बिरला से मोइत्रा के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए एक ‘जांच समिति’ गठित करने का आग्रह किया. भाजपा सांसद ने कहा, ‘इसमें रत्ती भर भी संदेह नहीं है कि महुआ मोइत्रा ने संसद में प्रश्न पूछकर एक व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के व्यावसायिक हितों का संरक्षण करने के लिए आपराधिक साजिश रची है, जो 12 दिसंबर, 2005 के ‘सवाल पूछने के बदले नकदी लेने’ से जुड़े प्रकरण की याद दिलाती है.’ बिरला को लिखे अपने पत्र में दुबे ने आरोप लगाया कि मोइत्रा का आचरण ‘सवाल पूछने के लिए नकदी लेने के प्रकरण के फिर से सामने आने’ को दर्शाता है. उनका इशारा परोक्ष तौर पर कई सांसदों द्वारा संसद में सवाल पूछने के बदले नकदी लेने को लेकर 2005 में मीडिया द्वारा किये गए खुलासे की ओर था. दुबे ने कहा कि गठन के 23 दिनों के भीतर जांच समिति द्वारा की गई सिफारिशों पर 11 सांसदों की सदस्यता रद्द कर दी गई थी. उन्होंने कहा कि मोइत्रा के खिलाफ भी इसी तरह जांच की जानी चाहिए और रिपोर्ट प्रस्तुत होने तक सदन से निलंबित कर दिया जाना चाहिए.
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Tags: Mahua Moitra, Nishikant dubey
FIRST PUBLISHED : October 19, 2023, 21:42 IST