Opinion: वैश्विक स्तर पर दिख रहा पीएम मोदी की आर्थिक नीतियों का असर, दुनिया की ग्रोथ रेट में भारत का लहराएगा परचम

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 9 सालों से चल रही केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों का असर अब वैश्विक स्तर पर दिखने लगा है. दुनिया के तमाम देशों को भी मानना पड़ेगा कि भारत विकासशील देशों से विकसित देशों के पायदान पर तेजी से चढ़ रहा है. भारत अगले कुछ वर्षों तक दुनिया में सबसे तेजी से तरक्की करने वाला देश बना रहेगा. इसी वजह से अगले 5 साल में यानी 2028 तक दुनिया की इकोनॉमिक ग्रोथ में भारत की भागीदारी बढ़कर 18% हो जाएगी. यह अभी 16% से कुछ कम है.

IMF की ताजा रिपोर्ट में यह बात कही गई है. वर्ष 2022 में भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 262 लाख करोड़ रुपये था, जो 2028 तक बढ़कर 500 लाख करोड़ रुपये हो सकता है. रिपोर्ट के अनुसार, भारत और चीन मिलकर दुनिया की आर्थिक तरक्की में 50% हिस्सेदारी रखते हैं. भारत में इस साल GDP ग्रोथ रेट 6.3% रह सकता है, जो दुनिया में सर्वाधिक होगा.

मोदी सरकार में भारत बनेगा दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
पीएम मोदी ने कुछ दिन पहले ही देश को गारंटी दी थी कि उनकी सरकार के तीसरे कार्यकाल में भारत दुनिया की तीन सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो जाएगा. भारत फिलहाल दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. पीएम के इस बयान पर विपक्षी पार्टियों ने बड़ा हंगामा बरपा दिया था, लेकिन देश के प्रधानमंत्री ने भारत की ग्रोथ गाथा की हवा में बखान नहीं की थी, बल्कि उनके इस बयान के पीछे मजबूत तथ्य थे.

अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने भी पिछले साल अक्टूबर में अनुमान लगाया था कि भारत साल 2027-28 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है. आईएमएफ के साथ ही वैश्विक वित्तीय फर्म मॉर्गन स्टैनली ने भी पिछले साल अनुमान लगाया है कि साल 2027 तक भारत अमेरिका और चीन के बाद दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा.

मोदी सरकार में भारत की अर्थव्यवस्था
पीएम मोदी के प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में सफल हुई है.

साल 2014 से 2023 के बीच भारत के जीडीपी में कुल 83 फीसद की बढ़त दर्ज की गई है. नौ साल की वृद्धि दर के मामले में भारत चीन से सिर्फ़ एक फीसदी नीचे रहा है, क्योंकि चीन की जीडीपी में 84 फीसद की बढ़त दर्ज की गई है. वहीं बाकी दुनिया के देशों की जीडीपी ग्रोथ भारत से कम ही रही है. पिछले नौ सालों में भारत पांच देशों को पीछे छोड़कर दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना है. इनमें से ब्रिटेन, फ्रांस और रूस की जीडीपी में बढ़त की दर क्रमश: तीन, दो और एक फीसद रही. वहीं, इटली की जीडीपी बढ़त दर में वृद्धि नहीं हुई.

10 बिंदुओं में जानते हैं पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत की ग्रोथ गाथा

1. उत्पादन प्री-कोविड लेवल से ज्यादा- देश की मैन्युफैक्चरिंग इकाइयां बढ़ी हुई डिमांड के चलते अपनी उत्पादन क्षमता का 76.3% तक डिलीवर कर रही हैं. यह स्तर 2019 से भी ज्यादा है. उस समय कारखाने अपनी उत्पादन क्षमता का 75% तक उपयोग कर रहे थे.

2. बेरोजगारी दर लगातार गिर रही- देश में बेरोजगारी की दर लगातर घट रही है. यह मई 2023 में 8% से ज्यादा पहुंच गई थे, जो अब 7.1% पर आ गई. देश की 39.97% आबादी के पास रोजगार है. 40.87% योग्य श्रमशक्ति के पास अत्यधिक काम है.

3. विदेशी भंडार भारत में 22% बढ़ा- मौजूदा वित्त वर्ष में अब तक भारत में विदेशी मुद्रा का भंडार 22% बढ़ चुका है. इस समय भारत विदेशी मुद्रा भंडार रखने वाला पांचवां सबसे बड़ा देश है.

4. भरोसा सर्वाधिक, यूरोप से डेढ़ गुना- अर्थव्यवस्था में भारतीय उपभोक्ताओं का भरोसा दुनिया में सबसे ज्यादा है. उपभोक्ता सूचकांक में भारत नंबर 90 में है. यह यूरोजोन में 60 है. इंग्लैंड को छोड़ दें तो पूरे यूरोजोन व अमेरिका में उपभोक्ताओं का भरोसा लगातार गिरता जा रहा है.

5. महंगाई के मोर्चे पर भी अब राहत- आरबीआई के सर्वे में मध्यवर्ग का मानना है कि जरूरी वस्तुओं के दाम घट रहे हैं. सितंबर-2021 में महंगाई दर 12% थी जो अब 6.3% पर आ चुकी है.

6. हवाई सफर 40% की दर से बढ़ा- देश के शहरों से अंतरराष्ट्रीय हवाई रूट्स पर यात्रियों की संख्या 40.5% बढ़ी है. दूसरी ओर इंटरनेशनल कामों में 22.5% की बढ़त हुई है. देश में विदेशी पर्यटकों की संख्या में 22.6% की बढ़ोतरी हुई है.

7. वाहन 25-30% की दर से बढ़ रहे- भारत में कमर्शियल और नॉन कमर्शियल वाहनों का पंजीकरण 25%-30% की सालाना दर से बढ़ रहा है. ऐसी स्थिति दुनिया के चुनिंदा देशों में है.

8. रुपया अन्य करेंसी के मुकाबले- भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर को छोड़कर बाकी सभी करेंसियों के मुकाबले सितंबर में मजबूत रहा.

9. स्टील- सीमेंट की मांग बढ़ी- देश में स्टील का उपभोग सितंबर में 17.9% बढ़ा है. यह 9 माह में सर्वाधिक है. सीमेंट को मांग भी 18.9% बढ़ी है. यह भी 9 माह में सबसे ज्यादा है. यह इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट तेज होने का सबसे बड़ा संकेत है.

10. घर की 2019 के बाद सबसे ज्यादा डिमांड- हाउसिंग प्राइस इंडेक्स (एचपीआई) सालाना आधार पर 5.1% बढ़ा है. यह वृद्धि 2019 के बाद सबसे ज्यादा है. रियल एस्टेट को बैंकों द्वारा दिए गए एडवांस भी 38% बढ़कर 28 लाख करोड़ रुपये हो गए हैं.

Tags: Economic growth, PM Modi

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