‘Dhamaka’ Film Review: मास महाराजा के नाम से प्रसिद्द तेलुगू अभिनेता रवि तेजा की फिल्में सचमुच में मास एंटरटेनर होती हैं और बॉक्स ऑफिस पर धमाका करती रहती हैं. महेश बाबू और रवि तेजा दो ऐसे अभिनेता हैं जिनकी फिल्म का हिंदी रीमेक देर से ही सही बनता जरूर है. रवि तेजा की जिन फिल्मों को हिंदी में बनाया गया है उनमें प्रमुख हैं. एसएस राजामौली की फिल्म विक्रमारकुडु (राउडी राठौर), किक (किक), रवि तेजा की कॉमेडी टाइमिंग, डायलॉग डिलीवरी और एक्शन के दीवानों की कमी नहीं है और इसलिए उनके अधिकांश निर्देशकों ने उनके साथ एक से ज्यादा फिल्में बनायीं हैं.
उनकी ताजा फिल्म धमाका ने बॉक्स ऑफिस पर काफी धमाका किया और अब नेटफ्लिक्स पर उपलब्ध है. मास महाराजा की मास फिल्म है. देख डालिए. फिलहाल तेलुगू में है, हिंदी डब भी जल्द ही आएगा.
इस फिल्म में रवि तेजा का नाम है विवेक आनंद चक्रवर्ती. लेकिन वो डबल रोल में हैं. उनका दूसरा अवतार है स्वामी. पहला वाला एक बहुत बड़े बिजनेस टाइकून का बेटा और उत्तराधिकारी है, तो दूसरा एक साधारण परिवार में जन्मा आम आदमी है. बिजनेस टाइकून मरने वाला है और वो अपनी संपत्ति अपने बेटे को सौंप कर मरना चाहता है लेकिन एक अदद विलन उनकी राह में रोड अटका रहा है. विवेक आनंद और स्वामी के कन्फ्यूजन से लड़ते भिड़ते, विलन को उसके किये की सजा मिलती है और कहानी ख़ुशी ख़ुशी ख़त्म होती है. इस कहानी के बीच में एक रोमांस भी है, 5 गाने, आधा दर्जन एक्शन कॉमेडी सीन और कुछ बेहतरीन स्टंट्स भी शामिल हैं.
रवि तेजा वही कर रहे हैं जिसमें उन्हें उस्तादी हासिल है. पूरी तरह से मसालेदार फिल्म के हीरो बनने में. आते ही मोटरसाइकिल के सायलेंसर से गुंडों की धुनाई कर देते हैं वो भी पूरे मजाकिया अंदाज में. इस तरह की एक्शन कॉमेडी में हिंदी में या तो अक्षय कुमार जमते हैं या फिर सलमान खान. रवि तेजा की तारीफ नहीं करना चाहिए क्योंकि फिल्म में लॉजिक से परे स्टंट होते हैं लेकिन वो बड़े ही कन्विक्शन के साथ निभा जाते हैं. फिल्म की सुन्दर हीरोइन श्रीलीला असल जिन्दगी में डॉक्टर बन रही हैं.
उनकी मां भी डॉक्टर हैं. श्रीलीला का अंदाज दक्षिण भारत की हीरोइन्स की ही तरह है. उन्हें हीरो के साथ अच्छा डांस करना है, गाने गाने हैं और रोमांटिक/ इमोशनल सीन करने हैं. श्रीलीला का स्क्रीन प्रेजेंस अच्छा है और इस वजह से उन्हें और फिल्में मिलेंगी. धमाका हिट हो चुकी है इसलिए उनका करियर भी चल निकलेगा. बाकी कलाकार भी अच्छी भूमिका में हैं जैसे सचिन खेडेकर, तनिकेल्ला भरणी, जयराम, राव रमेश. अल्लू अर्जुन की फिल्म “अला वैकुण्ठपुरामालू” में भी इनमें से अधिकांश कलाकार मौजूद थे इसलिए कभी कभी कन्फ्यूजन हो जाता है.
फिल्म में 5 गाने हैं और सभी के सभी सुपर हिट हैं. मास राजा और वॉट्स हैपनिंग की तो धुनें भी जबरदस्त हैं, बिलकुल रवि तेजा के मिजाज की. दो चार सीन छोड़ दें तो फिल्म लगातार गतिमान रहती है, कहीं झोल नहीं खाती. सिनेमेटोग्राफर कार्तिक का काम लाजवाब कहा जा सकता है. कमर्शियल फिल्म होने के बावजूद, फिल्म में लाइटिंग का बैलेंस बढ़िया रखा है. एक पल के लिए भी फिल्म में कहीं कोई रंग ऐसा नहीं नजर आता जो फिल्म की हैप्पीनेस को कम कर दे.
ऑफिस के अंदर के सीन में भी अच्छी लाइटिंग रखी गयी है. एडिटर प्रवीण पुण्डी ने भी फिल्म की रफ्तार को सही बैलेंस कर के रखा है. एक्शन सीक्वेंस बीच बीच में आने के बावजूद, फिल्म की गति को नियंत्रित रखते हैं, धीमी नहीं होने देते. धमाका एक मसाला फिल्म है. इसे बुद्धिमत्ता की उम्मीद के साथ मत देखिएगा. ये असल मायने में एक एंटरटेनर है. देखिएगा जरूर.
डिटेल्ड रेटिंग
कहानी | : | |
स्क्रिनप्ल | : | |
डायरेक्शन | : | |
संगीत | : |
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Tags: Film review, Ravi teja
FIRST PUBLISHED : February 13, 2023, 10:00 IST