निर्देशक आयान मुखर्जी (Ayan Mukherji) ने 9 सालों की मेहनत के बाद रणबीर कपूर (Ranbir Kapoor) और आलिया भट्ट (Alia Bhatt) स्टारर अपनी फिल्म ‘ब्रह्मास्त्र’ (Brahmastra) का निर्माण किया है. एक ऐसी फिल्म जिसपर भारी-भरकम बजट लगा है, जो भारतीय दर्शकों को ‘अस्त्रावर्स’ की दुनिया में ले जाती है. इस फिल्म की रिलीज से पहले ही ‘बायकॉट ब्रह्मास्त्र’ का काफी शोरगुल हुआ है. तो वहीं दूसरी तरफ कई लोग ऐसे भी हैं जो इस फिल्म के सफल होने की दुआएं कर रहे हैं, क्योंकि ‘ब्रह्मास्त्र’ की सफलता ‘बेजान पड़े बॉलीवुड’ में जान फूंकने में का काम करने वाली है. लेकिन क्या ये फिल्म ऐसा कर पाई…? क्या ‘ब्रह्मास्त्र’ हिंदी सिनेमा के इस साल के बेहद बुरे निकले अनुभव को पलट पाएगी..? तो इसका जवाब है… नहीं. आइए, मैं बताती हूं कि मैंने ऐसा क्यों कहा.
कहानी: किसी भी फिल्म की पहली और सबसे अहम जरूरत है कहानी और सबसे पहले उसी पर बात होनी भी चाहिए. इस फिल्म की कहानी है शिवा (रणबीर कूपर) नाम के लड़के की, जिसे सपने में कुछ बेहद अजीब चीजें दिखती हैं और वो इनसे हैरान है. शिवा एक डीजे है और दशहरे पर हुए एक कॉन्सर्ट में उसे एक लड़की दिखती है, जिसे देख वह बस दीवाना हो जाता है. शिवा को आग जला नहीं सकती और ये बात वह बचपन से जानता है. दरअसल ये शिवा ब्रह्मांश का एक सदस्य है और अब ब्रह्मास्त्र को सुरक्षित रखना शिवा की जिम्मेदारी है. इस काम में उनकी गर्लफ्रेंड ईशा (आलिया भट्ट) उसका पूरा साथ देती है.
ऊपर जो कहानी मैंने आपको बताई वो ब्रह्मास्त्र ट्रायोलॉजी (तीन फिल्मों की सीरीज) की पहली फिल्म की कहानी है. आपने कभी चिप्स का पैकेट खरीदा है. सोचिए उसका पैकेट दुनिया के सबसे खूबसूरत और शाइनिंग पेपर से बनाया गया हो, उसके साथ एक कोल्ड-ड्रिंक भी फ्री में दी जाए. साथ ही दुकानदार इस चिप्स के पैकेट का टीवी पर ऐड देकर खूब प्रमोशन भी कर चुका हो और इतने हंगामे के बाद पूरी उम्मीद से जब आप वो पैकेट खरीद कर लाएं और घर आकर उसे खोलें तो उसमें बस हवा निकले तो आपको कैसा लगेगा… ? बस, ‘ब्रह्मास्त्र’ देखने के बाद वैसी ही फीलिंग आई मुझे.
एक फिल्म जिसके विज्युअल कमाल के हैं, जिसमें शानदार एक्शन है, बीजीएम (बैकग्रांउड म्यूजिक) खूब एक्साइटमेंट पैदा करता है, लेकिन किसी फिल्म की जो सबसे अहम चीज है, यानी कहानी बस उसी में सारा कॉम्प्रोमाइज किया गया है. अनाथ लड़का, उसका अनाथ बच्चों से प्यार, लंदन से आई खूबसूरत हसीना… ये सब कहानी के वो प्लॉट हैं जिन्हें आपने हजारों बार अलग-अलग तरीके से देखा है. कोरोना काल में ओटीटी की वजह से दर्शक दुनियाभर के सिनेमा से रूबरू हुए हैं. ऐसे में हम लाखों का बजट लगाकर दर्शकों को सालों पुरानी इतनी बोरिंग कहानी दिखाकर कैसे अच्छे रिजल्ट की उम्मीद कर सकते हैं.
रणबीर कपूर और आलिया भट्ट पहली बार पर्दे पर नजर आ रहे हैं. ऐसे में इन दोनों की स्क्रीन पर केमिस्ट्री देखने को दर्शक काफी एक्साइटेड होंगे. पर दिक्कत ये है कि फिल्म के सबसे हल्के सीन ही इन दोनों के बीच के सीन हैं. अमिताभ बच्चन की एंट्री इंटरवेल के बाद है और वह उतने ही असरदार हैं जितने होने चाहिए. मौनी रॉय की ये डेब्यू फिल्म है और वो अपने किरदार में असरदार रही हैं. मौनी एक खौफनाक विलेन बनी हैं और आप उनसे इस खौफ की उम्मीद कर सकते हैं. हालांकि उन्हें देखकर आपको हॉलीवुड की एक विलेन जरूर याद आएगी, कौनसी वो आप खुद तय करिएगा. फिल्म शुरू होने के 15-20 मिनट तक आप कनेक्ट कहानी से जुड़ने की कोशिश की करते रहते हैं. फिल्म की शुरुआत सालों बाद पर्दे पर नजर आ रहे शाहरुख खान से होती है, लेकिन ये पूरा सीक्वेंस ही कन्फ्यूजिंग है. शाहरुख का एक भी डायलॉग आपको सीटी मारने या ताली बजाने वाला नहीं लगता.
ये फिल्म 9 साल से बन रही है और निर्देशक अयान मुखर्जी ने कई बार इस बात का जिक्र किया है कि उन्होंने इस फिल्म पर काफी मेहनत की है. पर लगता है उनकी सारी मेहनत तकनीक पर निकली और कहानी को वह 9 साल में अपडेट करना ही भूल गए. फिल्म का हर सीन प्रिडिक्टेबल है. कहीं भी आपको एडवेंचर या थ्रिल महसूस नहीं होता. बस चारों तरफ आग ही आग, रंग-बिरंगी रोशनी बस. गाने, जो फिल्म के बिना सुनने में अच्छे लगे हैं, वह कहानी में हर बार रुकावट सी बनते ही नजर आते हैं.
ब्रह्मास्त्र, एक बड़े पर्दे के एस्सपीरंस वाली हाई बजट फिल्म है, जिसमें खूब तामझाम है बस आत्मा नहीं है. इस फिल्म को अगर आप देखना चाहते हैं तो पर्दे पर ही देखना चाहिए, लेकिन अब ये आपको तय करना है कि क्या आप ये फिल्म पर्दे पर देखना चाहते हैं… ? मेरी तरफ से इस फिल्म को 2 स्टार.
डिटेल्ड रेटिंग
कहानी | : | |
स्क्रिनप्ल | : | |
डायरेक्शन | : | |
संगीत | : |
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Tags: Alia Bhatt, Amitabh bachchan, Brahmastra movie, Ranbir kapoor
FIRST PUBLISHED : September 09, 2022, 09:58 IST