Dear Father Review: ‘डियर फादर’ से एक बात हर दर्शक के दिमाग में साफ हो जायेगी, कुछ फिल्मों को एक बेहतरीन एडिटर की जरुरत होती है, खासकर किसी नाटक पर आधारित फिल्म को. एक अच्छी कहानी पर बनी डियर फादर कुछ ज़्यादा ही लम्बी है और दृश्यों को भी सही सलीके से न जमा कर मिस्ट्री की पूरी भावना को खत्म कर दिया गया है.
