तनुज पाण्डे/ नैनीताल.देवभूमि उत्तराखंड अपने खूबसूरत पहाड़ी इलाकों के लिए जाना जाता है. हिमालय की गोद में बसा होने के कारण यहां की उन्नत कृषि और वन संपदा काफी समृद्ध है. यहां के सुंदर नजारों और कई सारे रमणीय पर्यटक स्थलों के साथ ही साथ यहां कई तरह की कृषि संपदा भी पाई जाती है, जो स्वाद में लाजवाब होने के साथ ही साथ स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक भी होती है. ऐसी ही एक कृषि संपदा पहाड़ी मूली भी है, जो कई सारे गुणों से युक्त है. बेहतरीन स्वाद के साथ ही साथ इसमें कई तरह के औषधीय गुण भी पाए जाते हैं. पहाड़ की मूली आकार में बड़ी और गोल गुलाबी रंग लिए होती है. कहीं कहीं इसे लाल मूली के नाम से भी जाना जाता है.
उत्तराखंड के नैनीताल में स्थित डीएसबी कॉलेज के वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर ललित तिवारी ने बताया कि पहाड़ी मूली पहाड़ के लोगों के मुख्य भोजन में सलाद या सब्जी के रूप में खाई जाती है. इसके साथ ही पहाड़ में आलू के साथ मिलाकर आलू मूली का थेचुवा बनाया जाता है, जो सर्दियों में पहाड़ में बेहद प्रसिद्ध है. पहाड़ी मूली की खुशबू थोड़ी कसैली होती है लेकिन ये कई तरह के औषधीय गुणों से भरी हुई है, जो मनुष्य के स्वास्थ्य की रक्षा करती है.
कई पोषक तत्वों से भरपूर है पहाड़ की मूली
प्रोफेसर ललित तिवारी ने बताया कि पहाड़ी मूली प्रोटीन, विटामिन सी, फाइबर, पोटेशियम, मैंगनीज, आयरन आदि पोषक तत्वों से भरपूर है. इसके अलावा पहाड़ी मूली की पत्तियां भी बेहद गुणकारी होती हैं. पहाड़ी मूली की पत्तियों से बनी सब्जी का सेवन पीलिया रोग में बेहद लाभप्रद है. इसके अलावा पहाड़ी मूली मनुष्य के शरीर के लीवर के लिए भी फायदेमंद होती है. उत्तराखंड में बरसात से लेकर सर्दियों तक उगने वाली पहाड़ी मूली कई बीमारियों के लिए रामबाण इलाज है.
(NOTE: इस खबर में दी गई जानकारी तथ्यों पर आधारित है. ‘लोकल 18’ इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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FIRST PUBLISHED : November 30, 2023, 12:29 IST