कृष्णा कुमार गौड़ जोधपुर. आधुनिक और बेहतर चिकित्सा सेवाओं के लिए राजस्थान भर में प्रसिद्ध जोधपुर के एम्स की बात करें तो यहां के चिकित्सकों ने उस वक्त एक मरीज को पेट दर्द से राहत पहुंचाई जब अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान जोधपुर में पेट दर्द से परेशान एक मरीज पहुंचा, चिकित्सकों ने उसकी जांच की तो उसके पेट से काफी बडी गांठ पाई गई. जिसके बाद चिकित्सकों ने ऑपरेशन के माध्यम से उस मरीज के देहगुहा से कटहल-कद्दू से कहीं बड़ी गांठ निकाली. यह गांठ 25 सेंटीमीटर बड़ी थी. गांठ लीवर के चिपकी हुई थी, जिसके शरीर के अन्य अंगों को भी दबा दिया था. एम्स ने मिनिमली इनवेसिव सर्जरी तकनीक के जरिए केवल छोटे छेद करके रोबोट की सहायता से इस सर्जरी को अंजाम दिया.
एम्स में सर्जिकल गेस्ट्रोएंटरोलॉजी विभागाध्यक्ष व अतिरिक्त प्रो. डॉ. वैभव कुमार वार्ष्णेय ने बताया कि नागौर जिले के एक 24 वर्षीय युवक पेट में गांठ से पीड़ित था. बीते छह महीने से उसे लगातार पेट में दर्द हो रहा था. यह एक बड़ा लीवर हाइडैटिड सिस्ट था. प्लास्टिक बैग के भीतर सिस्ट को निकालने के लिए चार 8 मिलीमीटर आकार के चीरे और 5 सेमी के छोटे चीरे का उपयोग करके तीन घंटे की रोबोटिक सर्जरी की गई. इसके माध्यम से पूरी गांठ को बाहर निकाला गया. मरीज के स्वस्थ होने पर एम्स निदेशक डॉ. माधवानंद कर ने पूरी टीम को बधाई दी.
रोबोट की सहायता से की जाती है सर्जरी
आधुनिकि चिकित्सा तकनीक के माध्यम से ईलाज करने के लिहाज से जोधपुर एम्स अपनी पहचान रखता है. यहां रोबोट की सहायता से मिनिमल इनवेसिव सर्जरी की जाती है, जिससे ऑपरेशन के बाद मरीज को जटितलओं को सामना नहीं करना पड़ता. मरीज को अस्पताल से काफी जल्दी छुट्टी मिल जाती है और वह शीघ्र ही काम पर लौट जाता है. मिनिमल इनवेसिव सर्जरी से घाव कम होता है. दर्द कम होता है. घाव वाली जगह पर संक्रमण का खतरा भी कम रहता है जबकि परपंरागत ओपन सर्जरी में मरीज को बहुत परेशानी होती थी.
.
Tags: Health, Jodhpur News, Local18, Rajasthan news
FIRST PUBLISHED : December 2, 2023, 19:48 IST