गौरव सिंह/भोजपुर. जिले के अनाथ, गरीब, बेसहारा बच्चों को परवरिश योजना के तहत अब हर महीने 1 हजार रुपए का लाभ दिया जाएगा. इस योजना का उद्देश्य गरीब परिवारों के बच्चों की परवरिश को सुनिश्चित करना है और इसमें ज्यादा से ज्यादा पीड़ित बच्चों को सहायता प्रदान करना है. उप विकास आयुक्त विक्रम विरकर ने इस योजना के बारे में जानकारी दी है और यह बताया है कि राशि गरीब परिवार के बच्चों के पालन-पोषण के लिए प्रतिमाह अनुदान के रूप में प्रदान की जाएगी. इस योजना के तहत, अनाथ, गरीब, बेसहारा, और असाध्य रोग से पीड़ित बच्चों को प्रतिमाह 1000 रुपए की राशि मिलेगी. यह लाभ बच्चों को 18 साल की आयु पूर्ण होने तक प्रदान किया जाएगा. इस योजना से एड्स जैसे रोग से ग्रसित और जेल में बंद अभिभावकों के बच्चों को भी लाभ होगा.
उप विकास आयुक्त ने की यह अपील
इस संबंध में उप विकास आयुक्त विक्रम विरकर ने बताया कि इस परिवार की परवरिश योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए गरीब परिवारों के बच्चों को प्रतिमाह 1,000 रुपए की राशि प्रदान की जाएगी. उन्होंने सदर अस्पताल के ART CENTRE में आवेदन करने की प्रक्रिया के बारे में बताया है और इसके लिए सबसे पहले सदर अस्पताल के डीपीएम और अस्पताल प्रबंधक को निर्देशित किया गया है. आवेदन का समय सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक है. इसके अलावा, आंगनबाड़ी केंद्र और प्रखंड कार्यालय भी इस योजना के लिए आवेदन लेंगे और पहचान गुप्त रखी जाएगी. इस योजना का लाभ पाने वाले सभी बच्चों को इस अनुसूचित क्षेत्र के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है. जिला प्रशासन ने बताया है कि इस समय जिले में लगभग 6 से 7 हजार ऐसे बच्चे हैं जो इस योजना का लाभ ले सकते हैं, लेकिन जानकारी की कमी के कारण अब तक केवल 10 प्रतिशत बच्चों को इसका लाभ मिला है.
क्या है योजना का उद्देश्य
इस योजना का उद्देश्य है राज्य सरकार द्वारा बच्चों की देखरेख एवं संरक्षण के गैर-संस्थानिक कार्यक्रम के तहत लाभ पहुंचाना. योजना के अंतर्गत अनाथ और बेसहारा बच्चों, असाध्य रोग से पीडि़त बच्चों, दिव्यांग माता-पिता के बच्चों और जेल में बंद माता-पिता की संतान को समाज में बेहतर पालन-पोषण एवं उनकी गैर-संस्थानिक देखरेख को प्रोत्साहित करने के लिए अनुदान भत्ता प्रदान करना है.
इस योजना के अंतर्गत निम्नलिखित परिवारों को लाभ मिल सकता है:
1) आर्थिक रूप से विपन्न परिवार जिनका नाम बीपीएल सूची में दर्ज है.
2) जिनकी आय वार्षिक 60 हजार से कम है.
3) अनाथ या बेसहारा बच्चे और अनाथ बच्चे जो अपने निकटतम संबंधी या नाते रिश्तेदार के साथ रह रहे हैं.
4) एचआइवी पॉजिटिव, एड्स और कुष्ठ रोग से पीडि़त बच्चे.
5) एचआइवी पॉजिटिव, एड्स और कुष्ठ रोग के कारण 40 प्रतिशत तक विकलांग माता-पिता की संतानें.
इस योजना के तहत बच्चों को निम्नलिखित शर्तों पर लाभ प्रदान किया जा रहा है:
1) बच्चे की आयु 18 वर्ष से कम होनी चाहिए.
2) पालन पोषण कर्ता गरीबी रेखा के अधीन सूचीबद्ध होना चाहिए.
3) उनकी वार्षिक आय 60 हजार से कम होनी चाहिए.
4) एड्स मामले में गरीबी रेखा के अधीन या वार्षिक आय 60 हजार से कम की अनिवार्यता नहीं होगी.
इसके अनुसार, चयनित शून्य से छह वर्ष के बच्चे को 900 रुपये प्रतिमाह और 6 से 18 वर्ष के बच्चों को 1000 रुपए प्रतिमाह दिए जाएंगे.
.
Tags: Bhojpur news, Bihar News, Health, Hiv aids, Latest hindi news, Local18
FIRST PUBLISHED : December 4, 2023, 22:16 IST