प्रेगनेंसी के दौरान फॉलो करें ये आसान टिप्स, पेट में पल रहा बच्चा रहेगा हेल्दी, जानें एक्सपर्ट की राय

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अभिषेक माथुर/हापुड़. मां बनना हर महिला का सपना होता हैं. हर मां चाहती हैं कि उसका होने वाला बच्चा स्वस्थ और तंदुरुस्त हो. लेकिन जाने-अनजाने में गर्भवती महिलाएं अपने स्वास्थ्य को लेकर इतनी बेफिक्र हो जाती हैं कि उन्हें पता नहीं चलता कि उनका शरीर तो फिट हैं, लेकिन अंदरूनी तौर पर उनमें आयरन की कमी है. ऐसे में इसका सीधा असर महिलाओं पर तो पड़ता हैं ही, साथ ही होने वाले बच्चे की भी ग्रोथ ठीक से नहीं हो पाती है. ऐसे में अगर आप हेल्दी और तंदुरुस्त बच्चे की चाह रखती हैं, तो आपको एक्सपर्ट की इन बातों का जरूर ध्यान रखना होगा.

हापुड़ जिले की वरिष्ठ स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. उमा शर्मा ने बताया कि किसी भी महिला के लिए गर्भवती होना बहुत ही सौभाग्य की बात है. गर्भवती महिलाओं को अच्छी डायट लेना चाहिए. जिसमें हर तरह की कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फैट, कैल्शियम , सभी तरह के विटामिन का उपयोग करना चाहिए. यदि गर्भवती महिलाएं पहले महीने से ही बहुत अच्छी डायट लेती हैं, तो बच्चे के स्वास्थ्य , ग्रोथ, मेंटल डवलपमेंट के लिए बहुत ही अच्छा रहता है. अगर इसको पूरे 9 महीने तक जारी रखा जाए, तो बच्चा स्वस्थ पैदा होगा.

गर्भवती महिलाओं को पीना चाहिए इतना पानी
डॉ. उमा शर्मा ने बताया कि अगर किसी महिला को पता चलता हैं कि वह गर्भवती है, तो उसे सबसे पहले डॉक्टर से मिलना चाहिए. डॉक्टरों द्वारा दी गई दवाईयों के अलावा अच्छा नाश्ता, जिसमें दूध, अंकुरित दाल, एक या दो उबले हुए अंडे, पनीर, जूस और चाय ले सकती है. गर्भवती महिलाओं को दिन भर में 7 से 8 ग्लास पानी जरूर लेना चाहिए. साथ ही दोपहर के भोजन में हरी सब्जियां, एक कटोरी दाल, चावल, चपाती, दही-मठ्ठा लेना चाहिए. इस दौरान खुश होकर खाना चाहिए. इसके अलावा शाम तक बीच-बीच में मौसम के हिसाब से फल या बिस्किट तथा शाम के खाने में भी दाल-रोटी, हरी सब्जी लेनी चाहिए.

इंफेक्शन पर ध्यान देना हैं जरूरी
डॉ. उमा शर्मा ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को इस बात का ध्यान रखना चाहए कि प्रेगनेंसी के दौरान कोई इंफेक्शन न हो. इसके लिए चिकित्सक से मिलते रहना चाहिए. चिकित्सक के बताए हुए सभी तरह के सप्लीमेंट जैसे मल्टी विटामिन, टॉनिक, टैबलेट हैं आदि लेने चाहिए. ये बच्चों के मेंटल ग्रोथ और शारीरिक विकास के लिए ज्यादा जरूरी होते हैं.

कब लेना चाहिए डी-वार्मिंग की दवा?
डॉ. उमा शर्मा के अनुसार ब्लड की कमी के दूर करने के लिए गांव-देहातों में सरकार की ओर से बहुत अच्छा काम किया जा रहा है. यहां आशा कार्यकर्ता गर्भवती महिलाओं को आयरन और कैल्शियम की 100 गोलियां दे रही हैं. इन गोलियों का सेवन करना चाहिए, इसके अलावा महिलाओं को बीच-बीच में कीड़ों की दवाईयां लेनी चाहिए. उन्होंने बताया कि डी-वार्मिंग होना भी जरूरी है. ऐसे में यह दवा दूसरे और तीसरे तिमाही में लेनी चाहिए.

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