जी-भरकर खाइए सब्जियां, कीटनाशक का नहीं होगा डर, सरकार के इस फैसले से आम आदमी को राहत

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नई दिल्‍ली. सब्जियां खाते समय आम लोगों को इस बात की चिंता होती है कि इसमें कीटनाशक न हो, जो स्‍वास्‍थ्‍य को नुकसान पहुंचा दे. खासकर हरी सब्जियों में कीटनाशक का खतरा अधिक रहता है. ऐसे में सरकार का एक फैसला आम लोगों को भारी राहत दे सकता है. जल्‍द ही लोग जी भरकर सब्जियां और हरी सब्जियां बगैर डर के खा सकेंगे. फैसले के बाद इस दिशा में काम शुरू हो जाएगा.

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने हाल ही में ड्रोन उड़ाने के लिए 90 फीसदी एरिया को ग्रीन एरिया घोषित किया है. इसमें काफी एरिया पहले रेड या येलो जोन होता था, जहां पर ड्रोन उड़ाने से पहले परमिशन लेनी पड़ती थी. इसके कंपनियों को परमिशन देने वाली एजेंसी के कार्यालय में चक्‍कर लगाने पड़ते थे. इसके बाद भी कई बार किन्‍हीं कारणों से नहीं मिलती थी. लेकिन अब बगैर परमिशन के देशभर के 90 फीसदी एरिया में ड्रोन उड़ाया जा सकता है.

मौजूदा समय देशभर में कृषि में करीब 4000 ड्रोन का इस्‍तेमाल हो रहा है. कृषि में सबसे अधिक इस्‍तेमाल महाराष्‍ट्र, आन्‍ध्र प्रदेश, कर्नाटक, उत्‍तर प्रदेश, राजस्‍थान और हरियाणा में किया जा रहा है.

ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्‍यक्ष स्मित शाह ने बताया कि मौजूदा समय ड्रोन का सबसे अधिक इस्‍तेमाल कृषि के लिए किया जा रहा है. इसमें प्रमुख रूप से कीटनाशक और उर्वरक का छिड़काव किया जाता है. लेकिन तमाम जगह ऐसी भी होती हैं, जहां पर ड्रोन उड़ाने के लिए परमिशन लेने की जरूरत होती थी. इस वजह से किसान मैन्‍युअल ही कीटनाशक और उर्वरक का छिड़काव करते थे.

सब्जियों पर कम होगा कीटनाशक

चूंकि अब ज्‍यादातर जगह ड्रोन उड़ाने के लिए कोई अनुमति की जरूरत नहीं होगी. क्‍योंकि खेती शहरों के बाहर की जाती है. इसलिए किसान ड्रोन से ही कीटनाशक का छिड़काव करा सकेंगे. इससे आम लोगों के साथ साथ किसानों को भी फायदा होगा. पूरे खेत या ग्रीन हाउस में एक जैसा कीटनाशक जितनी जरूरत है उसके अनुसार छिड़काव किया जा सकेगा. यानी सब्जियों में कीटनाशक की अधिकता का डर नहीं रहेगा.
अभी तमाम जगह मैन्‍युअल कीटनाशक छिड़काव अनट्रेंड लोग करते हैं और कहीं पर ज्‍यादा तो कहीं पर कम छिड़काव होता है. ऐसे में जहां पर ज्‍यादा छिड़काव होता है वो सब्‍जी स्‍वास्‍थ्‍य के लिए नुकसानदेह हो सकती है और जिन स्‍थानों पर कम छिड़काव होता है, वहां पर सब्‍जी खराब होने की आशंका रहती है.

यह होगा फायदा

स्मित शाह ने बताया कि ड्रोन से कीटनाशक का छिड़काव कराने पर समय बचेगा. मैन्‍युअल छिड़काव में एक एकड़ में डेढ़ से दो घंटे का समय लगता है, जबकि ड्रोन से 10 से 12 मिनट में किया जा सकेगा. ड्रोन में 10 से 20 लीटर पानी में एक एकड़ में छिड़काव होता है जब‍कि मैन्‍युअल करीब 150 लीटर पानी लगता है. इसी तरह पानी की भी बचत होगी.

Tags: Agriculture, Drone, Ministry of civil aviation

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