लकवा-हार्ट अटैक के मरीजों को फ्री में मिल रहा ये इंजेक्शन, कीमत 50 हजार, जानें कैसे करता है काम

Picture of Gypsy News

Gypsy News

लखेश्वर यादव/जांजगीर चांपा. आज के दौर में खानपान की वजह से लोगों में हार्ट की बड़ी समस्या पैदा हो रही है. नए-नए युवाओं को भी हार्ट की प्रॉब्लम से गुजरना पड़ रहा है. वहीं, जांजगीर अस्पताल में हर महीने 6 से 8 दिल के मरीज पहुंच रहे हैं. लेकिन जांजगीर अस्पताल में पर्याप्त सुविधा नहीं होने के कारण ऐसे मरीजों को अन्य बड़े अस्पतालों के लिए रेफर कर दिया जाता था. वहीं, मरीजों को दूसरे जिले घर से दूर इलाज करवाने को मजबूर होते थे.

जिला हॉस्पिटल के सिविल सर्जन डॉ अनिल जगत ने बताया कि जिला अस्पताल में सभी प्रकार के इलाज मरीजों को सही और अच्छे तरीके से मिल सके, इस बात पर ध्यान दिया जा रहा है. अब जिला हॉस्पिटल में हार्ट अटैक, लकवा के मरीज के उपचार के लिए अस्पताल प्रबंधन तैयारी कर रहा है. प्रबंधन ने हार्ट अटैक वाले मरीजों के लिए थंबोलाइसिस इंजेक्शन के लिए सीजीएमएससी को डिमांड भेजी थी. जिसकी सुविधा अब मरीजों को मिलने लगी है. 

इंजेक्शन की 50 हजार कीमत

डॉ अनिल जगत ने बताया कि ये इंजेक्शन बाजार में 40 से 50 हजार रुपए तक मिलता है. जो कि यहां राज्य सरकार द्वारा जिला अस्पताल में कैशलेस इलाज की सुविधा रहेगी. यह इंजेक्शन अब जिला अस्पताल में भी उपलब्ध है. अब हार्ट अटैक और लकवा के मरीजों को जिला अस्पताल में जान बचाने वाले इंजेक्शन की सुविधा फ्री में मिल रही है.

इंजेक्शन कैसे करता है काम
डॉ. जगत ने बताया कि थ्रंबोलाइसिस इंजेक्शन केवल सीजीएमएसी द्वारा मेडिकल कॉलेज को सप्लाई किया जाता है. ये इंजेक्शन मरीज के नसों में जाम हुए खून (ब्लड) को खोलने का काम करता है. हार्ट अटैक के साथ ही कई बार लकवा हो जाता है. लकवा और हार्ट अटैक एक दूसरे से कनेक्ट होता है. हार्ट अटैक ब्लड के क्लॉटिंग से होता है. यह इंजेक्शन ऐसे ही क्लॉटिंग को ठीक करने या फिर ब्लड को जमने से रोकता है. अब हार्ट अटैक, लकवा के मरीजों को जिला अस्पताल में यह जान बचाने वाला इंजेक्शन मुफ्त उपलब्ध कराया जा रहा है.

ये लक्षण देख तुरंत पहुंचे अस्पताल

  • व्यक्ति को अचानक हाथ-पैर में कमजोरी, पैरों में लड़खड़ाहट, बैलेंस बिगड़ना, आवाज में बदलाव या चेहरा टेढ़ा हो जाना, स्ट्रोक या लकवा की पहचान है.
  • डॉक्टरों के मुताबिक, यह विकलांगता का भी एक अति सामान्य कारण है.
  • 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में, स्ट्रोक होने की संभावना अधिक होती है.
  • हाई ब्लड प्रेशर, शुगर, हाई कोलेस्ट्रॉल अथवा अनियमित दिल की धड़कन, यह बीमारियों में स्ट्रोक की संभावना ज्यादा होती है.

Tags: Chhattisgarh news, Health, Local18

Source link

और भी

Leave a Comment

इस पोस्ट से जुड़े हुए हैशटैग्स