कुछ ही दिनों में चश्मा उतार देगा इस पत्ते का रस, एक्सपर्ट से जानें सेवन का तरीका

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आशीष कुमार/पश्चिम चम्पारण. डिजिटल उपकरणों के बहुत ज्‍यादा इस्‍तेमाल और बहुत अधिक लाइट के संपर्क में आने से हमारी आंखें हर वक्त तनाव में रहती हैं. इसके अलावा डायबिटीज भी आंखों पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है. सटीक मेडिसिन नहीं होने की वजह से लोगों को आजीवन चश्मा लगाना पड़ता है. लेकिन क्या आपको पता है कि आयुर्वेद में इस मर्ज का सटीक उपचार है. आज हम आपको कुछ ऐसी ही आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के बारे में बताएंगे जो आपकी आंखों की हेल्‍थ के लिए बहुत अच्‍छी होती है. इन औषधियों के इस्तेमाल से कुछ ही दिनों में आंखों की रौशनी बढ़ने लगेगी और आप चश्मे से आजाद हो जाएंगे.

भृंगराज के पत्तों का इस्तेमाल
पतंजलि के आयुर्वेदिक एक्‍सपर्ट भुवनेश पांडे बताते हैं कि कोई भी ऐसा व्यक्ति जिसे आंखों से कम दिखता है, नजदीक अथवा दूर दृष्टि की समस्या की वजह से चश्मा पहनता है, भृंगराज के पत्ते और कन्हैल के फूल का इस्तेमाल कर इस परेशानी से कम ही दिनों में छुटकारा पा सकता है. इसके लिए उन्हें भृंगराज के दो-तीन पत्तों का रस निचोड़ कर सुबह-शाम आंखों के निचले भाग पर लगाना है. या फिर आप भृंगराज के पत्ते का रस निचोड़कर उसे एक शीशी में रख कर हर दिन सुबह-शाम ड्रॉप की तरह इस्तेमाल में ला सकते हैं.

आयुर्वेदाचार्य भुवनेश का दावा है कि ऐसा करने से महज कुछ ही दिनों में आपकी आंखों की समस्या का समाधान हो जाएगा और आप चश्मे से आजाद ही जाएंगे. दूसरी ओर, गृहिणी अर्चना वत्स बताती हैं कि हमलोगों के घर में बच्चों के जन्म के बाद से ही दादी- नानी भृंगराज (भंगरैया) का काजल लगाती हैं.

भृंगराज और कन्हैल के फूल का रस
पश्चिम चम्पारण जिले में वन क्षेत्र की बहुलता है. ऐसे में यहां एक से बढ़कर एक औषधियां भी मिल जाती हैं. नौतन प्रखंड के विशुनपुरा गांव के निवासी वासुदेव भी आयुर्वेदिक औषधियों के जानकार हैं. उनकी मानें तो, भृंगराज के पत्तों को कन्हैल के फूल के साथ रगड़ने पर उससे निकले रस का इस्तेमाल आंखों के निचले भाग पर करने से आंखों की रोशनी तेज होती है. इसके साथ ही जा चुकी रौशनी पुनः वापस आ जाती है.

हालांकि यहां समझने वाली बात यह है कि भृंगराज के पत्तों के साथ पीले रंग के कन्हैल के फूल का इस्तेमाल करने पर आपको ज्यादा सतर्कता बरतनी होगी. उनसे निकाला गया रस आंखों में नहीं जाना चाहिए. इससे आंखों में हल्की जलन की समस्या पैदा हो सकती है. निकाले गए रस को सिर्फ बाहरी परत पर ही लगाना है. ऐसा हर दिन सुबह-शाम करने से आंखों की रौशनी महीने दिन में वापस आ जाती है और चश्मा उतर सकता है.

(इस खबर में दी गई दवा/औषधि और हेल्थ बेनिफिट रेसिपी की सलाह, हमारे एक्सपर्ट्स से की गई चर्चा के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, न कि व्यक्तिगत सलाह. हर व्यक्ति की आवश्यकताएं अलग हैं, इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही, कोई चीज उपयोग करें. कृपया ध्यान दें, Local-18 की टीम किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगी.)

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