घर में हैं बच्‍चे तो फर्स्‍ट एड बॉक्‍स में जरूर रखें ये 5 चीजें, रात में नहीं भागना पड़ेगा अस्‍पताल, डॉ. श्रुति की सलाह

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हाइलाइट्स

फर्स्‍ट एड बॉक्‍स बनाएं तो डॉक्‍टर की सलाह जरूर लें
घर में बच्‍चे हैं तो उनकी हेल्‍थ से जुड़ी 5 चीजें इसमें हमेशा रखें..

First Aid Box at home: सर्दियों का मौसम चल रहा है. हर घर में कोई न कोई सर्दी, खांसी, जुकाम या सीजनल बुखार से जूझ रहा है. ऐसे में अगर आपके घर में बच्‍चे हैं तो इस मौसम में सबसे ज्‍यादा सावधान रहने की जरूरत है क्‍योंकि दिन हो या रात बच्‍चों को कभी भी हेल्‍थ संबंधी परेशानी हो सकती है. ऐसे में छोटी मोटी स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी परेशानी होने या देर रात बच्‍चे को लेकर अस्‍पताल भागने से बचने के लिए आपके घर में फर्स्‍ट एड बॉक्‍स होना बेहद जरूरी है. अगर आपके घर में भी फर्स्‍ट एड बॉक्‍स है लेकिन आप भी कन्‍फ्यूज हैं कि इसमें बच्‍चों की हेल्‍थ से जुड़ी क्‍या चीजें रखें, तो आज हम आपको यही बताने जा रहे हैं.

हेल्‍थ एक्‍सपर्ट का कहना है कि बच्‍चों वाले घर में फर्स्‍ट एड बॉक्‍स तो होना ही चाहिए, वहीं इसमें 5 चीजें जरूर होनी चाहिए, ताकि अचानक कोई दिक्‍कत होने पर आप बच्‍चे को प्राथमिक उपचार घर पर ही दे सकें और फिर आराम से डॉक्‍टर को दिखा सकें. आइए जानते हैं उन 5 जरूरी चीजों के बारे में..

यथार्थ सुपर स्‍पेशलिटी अस्‍पताल, नोएडा एक्‍सटेंशन में इंटर्नल मेडिसिन कंसल्‍टेंट डॉ. श्रुति शर्मा कहती हैं कि अगर घर में बच्‍चे हैं तो आपका फर्स्‍ट एड बॉक्‍स हमेशा अपडेट रहना चाहिए. इसमें कुछ दवाएं ऐसी दवाएं जरूर रहनी चाहिए जो आप रात में या इमरजेंसी में अपने बच्‍चे को दे सकें.

ये हैं वे 5 चीजें…

1. कफ सिरप– डॉ. श्रुति कहती हैं कि बच्‍चों वाले घर में फर्स्‍ट एड बॉक्‍स में किसी भी पीडियाट्रिशियन की सलाह के अनुसार एक कफ सिरप होना बेहद जरूरी है क्‍योंकि इस मौसम में ही नहीं बल्कि किसी भी मौसम में बच्‍चों को सर्दी-खांसी होने की संभावना सबसे ज्‍यादा रहती है.

2. बुखार की दवा– चूंकि यह फ्लू या वायरल का मौसम है ऐसे में इस मौसम में बुखार आना काफी संभव है लिहाजा बच्‍चों के लिए घर पर बने बॉक्‍स में पैरासीटामोल का ओरल सस्‍पेंशन यानि सिरप या पैरासीटामोल की गोली जरूर रखनी चाहिए. जब भी बच्‍चे को बुखार आए तो थर्मामीटर में तापमान देखने के बाद आप उसके वजन के अनुसार ये दवा दे सकते हैं, और फिर डॉ. के पास जा सकते हैं.

3.चोट की दवाएं– खेलकूद के दौरान अक्‍सर बच्‍चों को छोटी मोटी चोट लगती रहती है. इस दौरान बच्‍चे को अस्‍पताल लेकर जाने के बजाय आप फर्स्‍ट एड बॉक्‍स से ही इलाज कर सकते हैं. चोट लगने पर सबसे पहले घाव को साफ पानी और साबुन से धोने की सलाह दी जाती है. इसके बाद इलाज के लिए चोट की दवाएं जैसे कोई एंटीसेप्टिक क्रीम, बेंडेड, सेवलॉन आदि जरूर रखें.

4. माइल्‍ड पेन किलर- बच्‍चों वाले फर्स्‍ट एड बॉक्‍स में चौथी सबसे जरूरी चीज है हल्‍की पेन किलर सिरप या गोली. हालांकि यह किसी पीडियाट्रिशियन की सलाह के बाद ही रखें.

5. उल्‍टी-दस्‍त की दवा- छोटे बच्‍चों के लिए उल्‍टी और दस्‍त के ओरल सस्‍पेंशन यानि सिरप मिलते हैं, जो डॉ. की सलाह के बाद बॉक्‍स में रखे जा सकते हैं. ताकि अचानक बच्‍चे की तबियत खराब होने पर प्राथमिक उपचार किया जा सके.

बिना डॉक्‍टरी सलाह न रखें दवाएं
डॉ. श्रुति कहती हैं कि बच्‍चों के मामले में खासतौर पर ध्‍यान रखें कि फर्स्‍ट एड बॉक्‍स जरूर बनाएं लेकिन दवाएं रखते वक्‍त पीडियाट्रिशियन की सलाह जरूर लें. क्‍योंकि मनमर्जी दवाएं रखने पर बच्‍चे को ड्रग रिएक्‍शन या ड्रग एलर्जी हो सकती है.

एक्‍सपायरी जरूर करें चेक
डॉ. कहती हैं कि दवाओं की एक्‍सपायरी जरूर चेक करें. बिना एक्‍सपायरी डेट चेक किए दवा न दें, यह भी देखें कि कोई दवा लीक तो नहीं हो रही. इसके अलावा दवा की कोल्‍ड चेन मेनटेन की है या नहीं, यह भी देख लें. कुछ ऐसी दवाएं हैं जिन्‍हें ज्‍यादा ठंडे वातावरण में रखा जाता है.

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