गंजा होने से बचा लेगा यह फल… हाथ-पैर में जलन-सूजन के लिए भी रामबाण! औषधि है इसका लेप  

Picture of Gypsy News

Gypsy News

अर्पित बड़कुल/दमोह: ग्रामीण इलाकों में पाया जाने वाला बहेड़ा का पेड़ आयुर्वेद में बेहद लाभकारी माना जाता है. इसके फल के इस्तेमाल से हाथ-पैर की जलन और सूजन गायब हो जाती है. इतना ही नहीं, इस बहेड़े के बीज को पानी के साथ पीसकर लगाने से भी लाभ मिलता है. इसके चूर्ण का लेप बनाकर बालों की जड़ों पर लगाने से असमय बालों का सफेद होना रुक जाता है.

ऐसे बनाएं त्रिफला चूर्ण
ग्रामीण इलाकों के जंगलों में पाए जाने वाले ये आंवला, बहेड़ा और हरड़ औषधीय पौधों को आयुर्वेद की जान माना जाता है. त्रिफला चूर्ण बनाने के लिए सबसे पहले आंवला, बहेड़ा, हरड़ इन तीनों चीजों को 3-4 दिनों तक धूप में रखकर अच्छे से सुखाया जाता है, जिसके बाद तीनों चीजों के बीज निकालकर बारीक करके 1 से 2 दिन के लिए पुनः धूप में रखते हैं. जब तीनों चीजें अच्छे से सूख जाएं तब सभी को एक-एक कर पीसकर उनका चूर्ण बना लें, जिसका इस्तेमाल कई तरह से किया जा सकता है.

ये दिक्कतें होंगी दूर
शरीर में आने वाली सूजन से लेकर हाथ-पैर में होने वाली जलन तक को दूर करने में यह औषधीय फल के बीज का चूर्ण कारगर दवा है. संस्कृत भाषा में इस बहेड़ा को करशफल कलीद रूमा व विभीतकी नाम से जाना जाता है. यह पतझड़ वाला वृक्ष होता है, जिसकी औसतन ऊंंचाई 30 मीटर होती है. इसके पत्ते अंडाकार और 10-12 सेमी लंबे होते हैं. इसके बीज स्वाद में मीठे होते हैं.

बालों के लिए रामबाण
आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. दीप्ति नामदेव ने बताया कि हार्मोन्स प्रॉब्लम में भी बहेड़ा का उपयोग किया जाता है. इसके अलावा असमय रूप में बाल सफेद हो रहे हों तो उसे भी काला करने में यह फल मददगार है. बालों में रूसी और कमजोर जड़ों में इसका लेप लगाने से बालों को काफी मजबूती मिलती है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि की सलाह हमारे एक्सपर्ट्स से की गई चर्चा के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, न कि व्यक्तिगत सलाह. हर व्यक्ति की आवश्यकताएं अलग हैं, इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही, कोई चीज उपयोग करें. कृपया ध्यान दें, Local-18 की टीम किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगी.

Tags: Damoh News, Health News, Health tips, Helthy hair tips

Source link

और भी

Leave a Comment

इस पोस्ट से जुड़े हुए हैशटैग्स