आयुर्वेद में टूटी हड्डी को जोड़ने के लिए यह पौधा कारगर दवा माना गया है. हरे और भूरे रंग का यह पौधा स्वाद में कसैला और तीखा होता है. इसकी बेल में हर 5.6 इंच पर गांठ होती है. इस पौधे की प्रकृति गर्म होती है.यह खाने और लगाने दोनों में काम आता है. इसके उपयोग से हड्डी के जुड़ने का समय 33-50 फीसदी तक कम हो जाता है. (रिपोर्ट – सनन्दन उपाध्याय)
