सनन्दन उपाध्याय/बलिया: हमारे घर के आसपास या बाहर तमाम औषधियां मौजूद है. लेकिन हमें इसके गुण के बारे में पता नहीं है. लिहाजा कई बार ये जंगल झाड़ के रूप में पड़ी रहती हैं. आज ऐसी ही एक औषधि के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं जो पशुओं के लिए अमृत है तो वहीं मानव जीवन के लिए वरदान से कम नहीं है. जी हां हम बात कर रहे हैं तिरुकैल्ली औषधि की जिसको भद्राचूर के नाम से भी जाना जाता है. यह औषधि जितना पशु के लिए लाभकारी है उससे कहीं ज्यादा मानव जीवन के लिए भी फायदेमंद है. आइए जानते हैं यह औषधि किन रोगों में कैसे काम करती है. आखिर इसको लेकर एक्सपर्ट क्या कहते हैं.
राजकीय आयुर्वेद चिकित्सालय नगर बलिया की चिकित्साधिकारी डॉ. प्रियंका सिंह ने कहा कि तिरुकैल्ली औषधि को आयुर्वेद पद्धति के अनुसार हिंदी में भद्राचूर के नाम से जाना जाता है. यह एक नहीं बल्कि अनेक और गंभीर रोगों में बेहद लाभकारी है. इसका प्रयोग सर्पदंश में भी अच्छा बताया गया है.
इन बीमारियों में किया जाता है प्रयोग
डॉ. सिंह ने आगे बताया कि यह औषधि एक दूधिया पौधा जैसी होती है. इसका प्रयोग काफी रोगों में किया जाता है. इसका जो लेटेक्स निकलता है उसको खांसी, जुकाम, अस्थमा, कान दर्द दांत और दर्द में प्रयोग किया जाता है. इसके जूस को बहुत कम मात्रा में प्रयोग करने से दस्त में राहत मिलती है. इसके छिलके को पोटली में बांधकर जिस स्थान पर फ्रैक्चर हुआ होता है वहां सिकाई करने से आराम मिलता है. इसके तने का प्रयोग हड्डियों के टूटने में किया जाता है. इसके जड़ का काढ़ा स्नेक बाइट में काफी लाभप्रद होता है. यह औषधि पशुओं का जब पेट खराब हो जाता है तो उसमें अमृत के समान काम करता है.
ये है इसका साइड इफैक्ट्स
इसका प्रयोग आंख में नहीं करना चाहिए. गर्भवती महिला को भी इसके प्रयोग से बचना चाहिए. इसका बहुत ज्यादा प्रयोग करना भी हानिकारक होता है. उल्टी, दस्त और सर दर्द जैसी परेशानी हो सकती है. इसका सही लाभ पाने के लिए आयुर्वेद चिकित्सक से परामर्श लेकर ही उपयोग करें अन्यथा की स्थिति में लाभ की बजाय हानिकारक भी सिद्ध हो सकता है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और हेल्थ बेनिफिट रेसिपी की सलाह, हमारे एक्सपर्ट्स से की गई चर्चा के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, न कि व्यक्तिगत सलाह. हर व्यक्ति की आवश्यकताएं अलग हैं, इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही, कोई चीज उपयोग करें. कृपया ध्यान दें, Local-18 की टीम किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगी.
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FIRST PUBLISHED : January 12, 2024, 13:00 IST