हाइलाइट्स
पर्याप्त मात्रा में नींद न लेने से आपके शरीर का नर्वस सिस्टम गड़बड़ा सकता है.
नींद हमारे हार्मोन्स को नियंत्रित करने में मदद करती है, जिससे बीपी कंट्रोल करता है.
High Blood Pressure Causes: शरीर को स्वस्थ रखने के लिए प्रतिदिन 7 से 8 घंटे की नींद जरूरी होती है. कम नींद लेने से गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि कम नींद लेने की वजह से बड़ी तादाद में युवा हाइपरटेंशन यानी हाई ब्लड प्रेशर का शिकार हो रहे हैं. WHO की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में करीब 25 फीसदी वयस्क हाई ब्लड प्रेशर की समस्या का सामना कर रहे हैं. आने वाले समय में इनकी तादाद और ज्यादा हो सकती है. अब तक कई रिसर्च में यह बात सामने आ चुकी है कि कम नींद की वजह से ब्लड प्रेशर में 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो सकती है, जो बेहद चिंताजनक है.
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) की स्टडी के मुताबिक नींद हमारे नर्वस सिस्टम की फंक्शनिंग, हॉर्मोन्स और अन्य शारीरिक घटनाओं को बदल देती है, जिससे ब्लड प्रेशर प्रभावित होता है. स्लीप डिसऑर्डर की वजह से ब्लड प्रेशर रिस्पॉन्स बदल जाता है और हाई ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ जाता है. जब आप पर्याप्त 7-8 घंटे की नींद लेते हैं, तब जागने की तुलना में ब्लड प्रेशर कम हो जाता है. जब कोई व्यक्ति सो रहा होता है, तब उसके ब्लड प्रेशर में 10 से 20 प्रतिशत की गिरावट आ जाती है, जिसे नॉक्टर्नल डिपिंग कहा जाता है. यह शरीर के लिए जरूरी होता है.
रात में नींद की कमी के कारण हाई ब्लड प्रेशर, क्रोनिक किडनी डिजीज, डायबिटीज, एजिंग और ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया समेत कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. कई स्टडी में यह भी पता चला है कि नींद की कमी से हार्ट हेल्थ बुरी तरह प्रभावित होती है. कम सोने वाले लोगों को हार्ट डिजीज का खतरा भी ज्यादा हो सकता है. हाई ब्लड प्रेशर की वजह से हार्ट अटैक की नौबत आ सकती है. ऐसे में सभी वयस्कों को प्रतिदिन कम से 7 से 8 घंटे की अच्छी नींद लेनी चाहिए. इसके अलावा अपने ब्लड प्रेशर की मॉनिटरिंग करनी चाहिए.
मायोक्लीनिक की रिपोर्ट की मानें तो आप जितना कम सोएंगे, आपका ब्लड प्रेशर उतना ही अधिक हो सकता है. जो लोग 6 घंटे या उससे कम सोते हैं उनका रक्तचाप बढ़ सकता है. यदि आपको पहले से ही उच्च रक्तचाप है, तो अच्छी नींद न लेने से आपका रक्तचाप और ज्यादा बदतर हो सकता है. ऐसा माना जाता है कि नींद शरीर को तनाव और मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक हार्मोन को नियंत्रित करने में मदद करती है. समय के साथ नींद की कमी हार्मोन में बदलाव का कारण बन सकती है. हार्मोन परिवर्तन से उच्च रक्तचाप और हृदय रोग का जोखिम बढ़ सकता है.
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FIRST PUBLISHED : January 12, 2024, 12:56 IST