विशाल भटनागर/मेरठः अगर आप भी काली खांसी से काफी परेशान हैं और विभिन्न प्रकार की दवाइयां का उपयोग कर चुके हैं. फिर भी आपकी खांसी ठीक नहीं हुई है, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है. ऐसे सभी लोगों के लिए काला बांसा (Barleria Lupulina) का पौधा बेहद उपयोगी हो सकता है. इससे पुरानी से पुरानी काली खांसी, सहित अन्य प्रकार की खांसी, नजला जुकाम भी ठीक हो जाता है.
मेरठ के आरजी पीजी गर्ल्स डिग्री कॉलेज के बॉटनी डिपार्टमेंट से सेवानिवृत पूर्व विभाग अध्यक्षा डॉ मीनू गुप्ता ने बताया कि काली खांसी में काला बांसा के पौधे का प्रयोग बेहद फायदेमंद होता है. इसके उपयोग माध्यम से तीन दिन में ही खांसी में आपको काफी फर्क देखने को मिलेगा. साथ ही बताया कि इसका उपयोग करने के लिए पौधे की मेच्योर 10 से 15 पत्तों को तोड़ लें. उसके बाद उन सभी पत्तों को अच्छी तरीके से धोएं और उन्हें धूप में सुखाएं. जब वह सूख जाएं, तब तवे या कढ़ाई में गर्म कर लें. वहीं, जब पत्ते राख बना जाएं, तो उसे किसी डिब्बे के अंदर रख लें. प्रतिदिन उसी राख की एक चुटकी शहद में अच्छे से मिलाने के बाद सुबह, दोपहर और शाम को इसका सेवन करें. इसका उपयोग अधिकतम 7 दिन तक कर सकते हैं. इस दौरान आपकी खांसी बिल्कुल ठीक हो जाएगी. अगर फिर भी आपको आवश्यकता लगे, तो कुछ दिन के गैप के बाद इसको ले सकते हैं.
इस तरह कर सकते हैं काला बांसा की पहचान करें
डॉ. मीनू गुप्ता ने बताया कि बाजार में आपको पीला बांसा व काला बांसा दोनों ही तरह के पौधे देखने को मिलेंगे. यह दोनों खांसी में ही उपयोगी माने जाते हैं, लेकिन काला बांसा बहुत उपयोगी होता है. ऐसे में अगर आप भी काला बांसा का पौधा ढूंढ रहे हैं, तो ध्यान रखें कि काला बांसा के पत्ते थोड़े चौड़े और बीच में गुलाबी रंग की धारी के होते हैं. वहीं, आप अपने घर में भी इस पौधे को गमले में लगा सकते हैं. उत्तराखंड के जंगलों में यह पौधा काफी पाया जाता है.
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FIRST PUBLISHED : January 14, 2024, 12:05 IST