हर 7 में से 1 भारतीय मन की बीमारी से हैं ग्रस्त, तनाव-डिप्रेशन से जिंदगी हो रही है तबाह, मनोचिकत्सक के टिप्स से सुधारें जीवन

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How to Reduces Stress and Depression: दुनिया भर में चाहे कोई भी क्षेत्र हो, हर जगह लोगों में प्रतिद्वंद्विता की भावना बढ़ी है. ऑफिस वाले लोगों में गलाकाट प्रतियोगिता तो रहती ही है यहां तक कि स्टूडेंट्स भी एक-दूसरे से आगे बढ़ने के प्रेशर को झेलते रहते हैं. अगर सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स की संख्या कम है तो भी लोग बेचैन हो जाते हैं. यही प्रवृति इंसान के मानसिक स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित करती है. अधिकांश लोग किसी न किसी वजह से मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहे हैं. हाल ही में लेंसेट पत्रिका की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2017 में हर सात में से एक भारतीय किसी न किसी तरह से मानसिक रोगों से पीड़ित था.

4 करोड़ लोग तनाव से परेशान

लेंसेट की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 19.73 करोड़ लोग विभिन्न तरह की मानसिक समस्याओं से ग्रस्त हैं. इनमें 4.57 करोड़ लोग डिप्रेशन और 4.49 करोड़ लोग तनाव से ग्रसित हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि स्ट्रेस या तनाव का दायरा इस आंकड़े से कहीं ज्यादा है. रिपोर्ट के मुताबिक तनाव और डिप्रेशन से परेशान रहने वाले ज्यादातर लोग वे शहरी युवा होते हैं जो कॉरपोरेट जगत में काम करते हैं. इस कारण 1990 के बाद भारत में सभी तरह के मानसिक बीमारियों से पीड़ित मरीजों की संख्या दोगुनी हो गई है. चिंता की बात यह है कि अधिकांश लोग तनाव और अवसाद को गंभीरता से नहीं लेते. उन्हें लगता ही नहीं कि यह कोई बीमारी है. एक्सपर्ट का कहना है कि जिस तरह शरीर की बीमारियां होती हैं, उसी तरह मन की भी बीमारियां होती हैं. मन की बीमारियां जीवन की गुणवत्ता को बहुत खराब कर देती है.

इस तरह दूर करें टेंशन और डिप्रेशन

1. इसे बीमारी मानें-द लिवलवलाफ फाउंडेशन के चेयरपर्सन और मनोचिकत्सक डॉ. श्याम भट कहते हैं कि सबसे पहले अगर आप बहुत अधिक तनाव और डिप्रेशन से गुजर रहे हैं तो इसे बीमारी मानें. जिस तरह शरीर की बीमारी होती है, उसी तरह मन की भी बीमारी होती है.

2. डॉक्टर के पास जाएं-अगर आप बहुत ज्यादा परेशान हैं और खुद इसका प्रबंधन नहीं कर पा रहे हैं तो डॉक्टर से परामर्श लें. आजकल इसके लिए कई थेरेपी है. डॉक्टर आपकी बीमारी की पहचान कर इसकी दवाई देंगे. इसके लिए साइकोथेरेपी भी की जाती है. वहीं बायोलॉजिकल इलाज में ब्रेन स्टिमुलेशन (रिपिटिटिव ट्रांसक्रानियल मैग्नेटिक स्टिमुलेशन), और नए फार्माकोलॉजिकल एजेंट भी सामने आए हैं.

3. योग और ध्यान-डॉ. श्याम भट ने बताया कि मानसिक परेशानियों को प्रबंधित करने का सबसे बेहतर तरीका यह है कि आप योग और ध्यान करें. योग और मेडिटेशन बिगड़े हुए मानसिक स्वास्थ्य को ठीक कर सकता है. यह बात कई अध्ययनों में भी सामने आ चुकी है.

3. आयुर्वेदिक चिकित्सा-तनाव, चिंता, अवसाद आदि को खत्म करने के लिए आजकल आयुर्वेदिक तरीके भी काम आ रहे हैं. इसमें ऑटोनोमिक नर्वस सिस्टम को व्यवस्थित किया जाता है.

4. नियमित एक्सरसाइज-अगर आप चाहते हैं कि किसी तरह की मानसिक बीमारी हो ही नहीं तो नियमित एक्सरसाइज कीजिए. सप्ताह में चार या पांच दिन आधे से एक घंटे की एक्सरसाइज फायदा पहुंचाएगा.

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