हाइलाइट्स
थायरॉइड बढ़ जाए, तो शरीर की फंक्शनिंग बिगड़ने लगती है.
थायरॉइड को हो जाए, तो भी गंभीर समस्या पैदा हो सकती है.
Is Thyroid Lifelong Disease: आज के जमाने में थायरॉइड की बीमारी तेजी से बढ़ रही है. थायरॉइड गले में एक ग्लैंड होती है, जिसका काम ट्राईआयोडोथायरोनिन (T3) और थायरॉक्सिन (T4) नामक हार्मोन रिलीज करना होता है. ये दोनों हॉर्मोन शरीर की फंक्शनिंग को बेहतर बनाए रखने के लिए जरूरी होती है. जब शरीर में इन दोनों हॉर्मोन्स की कमी हो जाए या इन दोनों हॉर्मोन्स की मात्रा ज्यादा हो जाए, तो यह बीमारी बन सकती है. जब थायरॉइड ग्लैंड ज्यादा हॉर्मोन्स रिलीज करती है, तब इसे हाइपरथायरॉइडिज्म कहते हैं. जब T3 और T4 हॉर्मोन्स की कमी हो जाती है, तब इसे हाइपोथायरॉइडिज्म कहते हैं. ये दोनों ही समस्याएं लोगों की सेहत को बुरी तरह प्रभावित करती हैं. इन्हें कंट्रोल करना जरूरी होता है, वरना शरीर का सिस्टम बिगड़ सकता है.
नई दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल की सीनियर फिजीशियन डॉ. सोनिया रावत के अनुसार थायरॉइड बढ़ना या घटना दोनों ही कंडीशन लोगों की सेहत को बर्बाद कर सकती हैं. इन दोनों ही परेशानियों को कंट्रोल करने के लिए दवाएं दी जाती हैं और कई गंभीर मामलों में सर्जरी करने की जरूरत पड़ती है. थायरॉइड जिंदगीभर चलने वाली समस्या होती है, लेकिन हाइपरथायरॉइडिज्म के कुछ मरीज दवा और लाइफस्टाइल चेंजेस के जरिए ठीक हो जाते हैं. उन्हें जिंदगीभर दवा नहीं लेनी पड़ती है. हालांकि हाइपोथायरॉइडिज्म की कंडीशन में हॉर्मोन्स का बैलेंस बनाने के लिए जिंदगीभर दवा लेनी पड़ती है.
अब सवाल है कि थायरॉइड के मरीजों को किस वक्त दवा लेनी चाहिए? इस बारे में डॉक्टर सोनिया रावत कहती हैं कि थायरॉइड के मरीजों को सुबह उठने के तुरंत बाद खाली पेट दवा लेनी चाहिए. सुबह-सुबह दवा लेने से यह शरीर में अच्छी तरह अब्जॉर्ब हो जाती है और इसका असर सबसे ज्यादा होता है. मरीजों को दवा रोज एक ही समय पर लेनी चाहिए. खास बात यह है कि दवा लेने के बाद करीब 30 मिनट तक कुछ नहीं खाना चाहिए. थायरॉइड के कुछ मरीजों को दिन में दो बार दवा दी जाती है, उन्हें डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवा लेनी चाहिए. दवा को लेकर लापरवाही बरतने से परेशानी बढ़ सकती है.
डॉक्टर की मानें तो शरीर में आयोडीन की कमी होने से थायरॉइड की समस्या पैदा हो सकती है. ऑटोइम्यून डिसऑर्डर, फैमिली हिस्ट्री व जेनेटिक कारणों से भी यह बीमारी हो सकती है. पोस्टपार्टम इन्फ्लेमेशन की वजह से थायरॉइड बढ़ सकता है. कई बीमारियों की दवाएं बी थायरॉइड बढ़ा सकती हैं. 60 साल की उम्र के बाद इस बीमारी का खतरा ज्यादा होता है. यह परेशानी महिलाओं को ज्यादा होती है. इस परेशानी को कंट्रोल करने के लिए सभी लोग हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं, प्रतिदिन एक्सरसाइज करें, हेल्दी डाइट लें, रोज 7-8 घंटे की पर्याप्त नींद लें, समय-समय पर चेकअप कराएं और दवाएं समय से लें.
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FIRST PUBLISHED : January 25, 2024, 15:03 IST