गर्भावस्था की पहली तिमाही में डाइट से फौरन निकाल दें 5 चीजें, बिगड़ सकती है शिशु की सेहत, एक्सपर्ट से समझें सबकुछ

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हाइलाइट्स

प्रेग्नेंसी के 9 महीनों को 3 तिमाही में बांटा गया है, जिसके हर तिमाही में 3 महीने आते हैं.
पहली तिमाही का गलत खानपान पेट में पल रहे बच्चे के लिए नुकसानदायक हो सकता है.

First Trimester Of Pregnancy: मां बनना हर महिला के लिए सबसे सुखद एहसास होता है. परिवार में भी नन्हें मेहमान के आने की खुशी होती है. लेकिन ये पल जितना खूबसूरत होता है, उतना ही चिंताजनक भी. क्योंकि प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं में कई तरह के बदलाव आते हैं. ऐसे में जरूरी है कि उनके खानपान पर विशेष ध्यान दिया जाए. क्योंकि उनका गलत खानपान पेट में पल रहे बच्चे की सेहत पर असर डाल सकता है. इसलिए बेहतर है डॉक्टर की सलाह से पोषक तत्वों से भरपूर भोजन लें. जी हां, आज हम बात करेंगे प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही की. इस दौरान गर्भवती महिला को पोषक तत्वों की उचित मात्रा की बेहद जरूरत होती है.

दरअसल, डॉक्टर द्वारा प्रेग्नेंसी के 9 महीनों को 3 तिमाही (Trimester) में बांटा गया है. इसके हर तिमाही में 3 महीने आते हैं, जिसमें पहली तिमाही सप्ताह 1 से शुरू होती है और सप्ताह 12 तक चलती है. दूसरी तिमाही सप्ताह 13 से सप्ताह 28 तक रहती है. वहीं, तीसरी तिमाही सप्ताह 29 से शुरू होकर बच्चे के जन्म होने पर समाप्त होती है. एक्सपर्ट के मुताबिक पहली तिमाही का गलत खानपान तीसरी तिमाही में नुकसानदायक हो सकता है. अब सवाल है कि प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में किन चीजों को नहीं खाना चाहिए? ये चीजों नुकसानदायक कैसे? इनका शिशु की सेहत पर क्या असर पड़ सकता है? इन सवालों के बारे में विस्तार से बता रही हैं संजय गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल दिल्ली की गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. स्नेहा बठला मुखी…

प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में इन 5 चीजों को खाने से करें परहेज

फास्ट फूड: प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में फास्ट फूड के सेवन से बचना चाहिए. क्योंकि, फास्ट फूड में प्रोसेस्ड फूड्स और रिफाइंड फूड्स शामिल होते हैं, जो सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं. हालांकि, इसके बाद भी यदि किसी महिला को घर का खाना ठीक नहीं लग रहा है और उल्टियां हो रही हैं तो डॉक्टर की सलाह के मुताबिक थोड़ा ले सकती हैं.

अधपका मांस: कच्चा-अधपका मांस खाने से लिस्टेरियोसिस और टोक्सोप्लाजमोसिज का जोखिम बढ़ता है. इसके अलावा फूड पॉइजनिंग की भी आशंका रहती है. ये स्थितियां गंभीर, जानलेवा बीमारियों का कारण बन सकती हैं. ऐसे में बेहतर है कि गर्भवती होने पर आप यदि अंडे और मांस खाती हैं तो वह अच्छी तरह से पका होना चाहिए.

चाय-कॉफी: प्रेग्नेंसी में चाय-कॉफी या चॉकलेट जैसी चीजें ठीक नहीं मानी जाती है. दरअसल, इन चीजों में कैफीन की मौजूदगी होती है, जो गर्भावस्था के लिए घातक हैं. डॉक्टर के मुताबिक अधिक मात्रा में कैफीन लेने से गर्भपात का खतरा बढ़ सकता है. इसके अलावा, कैफीन का ज्यादा सेवन करने से जन्म के समय शिशु का वजन कम रह सकता है. ऐसे में जरूरी है इन चीजों से दूरी बनाएं रखें.

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कच्चा पपीता: किसी भी गर्भवती महिला को कच्चे पपीता का सेवन नहीं करना चाहिए. दरअसल, कच्चे पपीते में मौजूद केमिकल और उसके बीज पेट में पल रहे शिशु को नुकसान पहुंचा सकता है. हालांकि पके पपीते का सेवन किया जा सकता है.

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एल्कोहल: एक्सपर्ट के मुताबिक, गर्भावस्था की किसी भी तिमाही में शराब और सिगरेट का सेवन ठीक नहीं होता है. बता दें कि, एल्कोहल से गर्भपात और मृत जन्म का खतरा अधिक बढ़ सकता है. इस दौरान शराब सेवन करने से पेट में पल रहे बच्चे के मस्तिष्क विकास पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है. यह किसी भी रूप में शिशु के लिए सुरक्षित नहीं है.

एक्सपर्ट एडवाइज जरूरी: डॉ. स्नेहा के मुताबिक, प्रेग्नेंसी की जानकारी होते ही चिकित्सक की उचित सलाह लेना बहुत जरूरी है. इस दौरान डॉक्टर की बताए अनुसार सभी दवाओं को भी लेना चाहिए. हालांकि कई लोगों में भ्रम होता है कि प्रेग्नेंसी में दवाएं लेने से भ्रूण को खतरा होता है, लेकिन ये पूरी तरह गलत है.

Tags: Female Health, Lifestyle, Pregnant woman

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